- October 16, 2015
महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत निगरानी रखने के निर्देश
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने बच्चों और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर सतत निगरानी रखने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमारी जवाबदारी इसलिये और बढ़ जाती है, क्योंकि प्रदेश की योजनाओं को न केवल राष्ट्रीय स्वीकार्यता मिली है, बल्कि कई मंच से पुरस्कार भी मिले हैं। श्रीमती सिंह आज महिला-बाल योजनाओं की समीक्षा कर रही थीं।
मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि विभाग को यह सौभाग्य प्राप्त है कि उसकी सभी योजना मुख्यमंत्री के प्राथमिकता के एजेण्डे में शामिल हैं। हमें अपने कार्य और कर्त्तव्य के पालन में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहिये। उन्होंने कहा कि उपलब्धियाँ आँकड़ों में नहीं, बल्कि हितग्राहियों के चेहरों पर दिखना चाहिये। शौर्या दल योजना को मिली देश-व्यापी सराहना का उल्लेख करते हुए श्रीमती सिंह ने कहा कि इसे हमें वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर के रूप में विकसित करना चाहिये। इसके जरिये हमें ग्रामीण क्षेत्रों को हिंसा से मुक्त बनाना है।
उन्होंने कहा अभियान को निरंतर रखते हुए समस्त मैदानी अधिकारी देव प्रबोधनी एकादशी पर सक्रिय भूमिका अदा करते हुए बाल विवाह रोकने में सहयोग करें। उन्होंने विभाग की विभिन्न संस्था में रह रहे बालक-बालिका के साथ बेहतर व्यवहार करने के साथ ही दीवाली के त्यौहार पर विशेष साफ-सफाई करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने बजट के समय और गुणवत्तापूर्ण तरीके से उपयोग पर भी बल दिया। श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रत्येक ग्राम में बालिकाओं का स्वागत किया जाये और हर माह थीम बेस्ड गतिविधियाँ हों।
विभागीय प्रमुख सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया ने बाल संरक्षण गृह में रहने वाले बालक-बालिकाओं को स्कूल भेजने और उन्हें व्होकेशनल ट्रेनिंग देने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की फास्टर केयर योजना को केन्द्र सरकार ने काफी सराहा है। उन्होंने इन संस्थाओं में रह रहे सभी बालक-बालिका के शत-प्रतिशत आधार-कार्ड बनवाने के निर्देश दिये। आयुक्त श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने बैठक का संचालन किया।