- August 13, 2015
महमूदाबाद थाने में लड़की की हत्या : अखिलेश सरकार का क्रूर चेहरा
लखनऊ, 13 अगस्त 2015। रिहाई मंच ने सीतापुर के महमूदाबाद पुलिस थाने में युवती की रेप के बाद हत्या पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि अखिलेश यादव सरकार न सिर्फ कानून और व्यवस्था के मामले में फेल हो चुकी है बल्कि वह अपने आपराधिक बलात्कारी पुलिस अमले का संरक्षण भी कर रही है।
इस घटना ने एक बार यह फिर साबित कर दिया है कि अखिलेश यादव की पुलिस बेलगाम होकर हत्यारों का एक गिरोह बन चुकी है। एक तरफ वह थाने के भीतर हत्या करती है तो दूसरी ओर इंसाफ की मांग कर रहे लोगों पर गोली भी चलाती है जिसमें एक बेगुनाह युवक नदीम की मौत हो जाती है। दूसरी ओर अखिलेश यादव केवल और केवल मुआवजा बांट कर इंसाफ का कत्ल करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
मंच ने कहा कि मुआवजा इंसाफ की लड़ाई को कभी दबा नहीं सकता है। अखिलेश यादव ने मुआवजे की पेशकश करके यह साबित कर दिया है कि वह पीडि़त परिवारों को इंसाफ नहीं दे सकते। मंच ने महमूदाबाद पुलिस थाने में युवती की रेप के बाद हत्या के मामले में थाने पर तैनात पूरे स्टाॅफ सहित जिले के एसएसपी को तत्काल बर्खास्त कर, हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि पुलिस द्वारा यह कहना कि लड़की के पिता ने अपनी लड़की की आत्महत्या की बात को लिखित तौर पर मान लिया है, यह बात पूरी तरह से झूठ है। क्योंकि घटना के चश्मदीद पुलिस वाले हैं न कि लड़की के पिता। ऐसे में लड़की के पिता द्वारा यह कहना कि लड़की ने आत्महत्या की यह पूरी तरह से झूठा और पुलिस के दबाव में दिया गया बेबुनियाद बयान है। क्योंकि वह घटना के चश्मदीद नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी गर्दन बचाने के लिए लड़की के पिता से जबरिया लिखवा लिया है। सीतापुर के महमूदाबाद पुलिस थाने में युवती के कथित आत्महत्या की पुलिसिया कहानी जिस तरह से सामने आई है, वह बेहद लचर, हल्की, अविश्वसनीय और गढ़ी गई मालूम होती है।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि मृतका के जो फोटोग्राफ सामने आए हैं जिसमें टाॅयलेट में मृतका के दोनों पैर घुटने तक जमीन से छू रहे हैं और गले से फंदा लगा हुआ है, ऐसी स्थिति में आत्महत्या हो ही नहीं सकती। इन तस्वीरों के बाद पूरी पुलिसिया कहानी ही फर्जी साबित हो जाती है। उन्होंने कहा कि अखिलेश सरकार के उल्टे दिन बड़ी तेजी से शुरू हो चुके हैं। आगामी चुनाव तक इनका खात्मा तय है।
मुहम्मद शुऐब ने कहा कि महमूदाबाद की घटना की सच्चाई जानने के लिए रिहाई मंच की एक टीम घटनास्थल का दौरा करेगी और परिजनों तथा स्थानीय जनता द्वारा द्वारा इंसाफ के लिए किए जा रहे उनके इस संघर्ष में साथ खड़ा
होगा।
रिहाई मंच नेता हरे राम मिश्र ने कहा है कि पत्रकार जगेन्द्र को जिंदा जला देने, बाराबंकी में पत्रकार की मां को जिंदा जला देने, बहराइच में आरटीआई कार्यकर्ता गुरु प्रसाद शुक्ला को पीट-पीट कर मार डालने, झांसी में किसान को जिंदा जला देने जैसी विभत्स घटनाओं के बाद महमूदाबाद में थाने में युवती की हत्या ने साफ कर दिया है कि अखिलेश सरकार अपराधियों का एक गैंग है।
लखीमपुर थाने में सोनम हत्या कांड मायावती सरकार के ताबूत की आखिरी कील बना और महमूदाबाद की घटना अखिलेश सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से महमूदाबाद की घटना में पुलिस को बचाने के लिए लड़की के पिता से जबरन लिखवाया गया है उसने प्रदेश के हर उस मां-बाप, भाई-बहन को यह संदेश दिया है कि इंसाफ का कत्ल और अपराधियों को बचाने के लिए उनके प्रदेश का युवा मुख्यमंत्री किसी भी हद तक जा सकता हैं।
उन्होंने राज्य महिला आयोग व महिला सम्मान प्रकोष्ठ पर सवाल करते हुए कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के विज्ञापन करने वाली सपा सांसद डिंपल यादव को इस घटना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह थाने के हत्यारी-बलात्कारी पुलिसिया अमले के साथ हैं या फिर पीडि़ता के इंसाफ के साथ हैं।
संप्रेषक – शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919