- November 23, 2018
मधुबनी जिले के सौराठ में जनवरी 2019 में मिथिला चित्रकला संस्थान का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा:- मुख्यमंत्री
पटना——— मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने सिन्हा लाइब्रेरी परिसर में चेतना समिति द्वारा आयोजित विद्यापति स्मृति पर्व समारोह 2018 का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चेतना समिति को इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि विद्यापति स्मृति पर्व समारोह में मुझे आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। वैसे तो इसके पहले भी विद्यापति भवन में कई कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के अनेक जगहों पर मधुबनी पेंटिंग का प्रदर्शन किया जाता है लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ विदेशों में भी मिथिला पेंटिंग को लोग काफी पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जापान यात्रा के दौरान मुझे जानकारी मिली थी कि वहां एक बहुत बड़ा एक मिथिला पेंटिंग का सेंटर है, वहां के अम्बेस्डर श्री सुजन चिनॉय को ऐतिहासिक चीजों को अच्छी जानकारी है, उनसे मैंने कहा कि इस सेंटर का मुझे भ्रमण कराईये लेकिन व्यस्त कार्यक्रम एवं उस सेंटर का पहाड़ पर स्थित होने के कारण हम वहां नहीं जा सके। लेकिन जहां पर हम ठहरे थे वहां पर पेंटिंग को मंगवाकर मुझे दिखाया गया।
श्री टोक्यो हासेगावा ने मुझे विस्तृत रुप से इस पेंटिंग के बारे में जानकारी दी। मुझे बताया गया कि वर्ष 1988 श्री गंगा देवी मिथिला चित्रकार ने मिथिला पेंटिंग के लिए यहां लोगों को प्रेरित किया था। मुझे जापान में मधुबनी पेंटिंग के प्रति इस तरह का लगाव देखकर बेहद प्रसन्नता और गौरव की अनुभूति हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मधुबनी जिले के सौराठ में जनवरी 2019 में मिथिला चित्रकला संस्थान का निर्माण कार्य शुरु हो जाएगा। इस संस्थान में लोग अध्ययन करेंगे, पेंटिंग सीखेंगे और एक जगह सबकुछ होने से नई पीढ़ी को प्रशिक्षण मिलने में सहुलियत होगी। इस संस्थान से चित्रकला में रुचि रखने वाले लोग साथ ही विशेषज्ञ लोग इससे जुड़ेंगे, जिससे इस कला का और भी विकास होगा।
मधुबनी में एक जगह किराए पर मकान लेकर कोर्स को प्रारंभ कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बिहार भवन, बिहार निवास और अब निर्माण होने वाले बिहार सदन में भी मधुबनी पेंटिंग की झलक देखने को मिलेगी।
बिहटा में बनने वाले एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग में मिथिला पेंटिंग की अद्भुत झलक होगी तो इसका ऊपरी भाग नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर के आकृति के रुप में दिखेगा। उन्होंने कहा कि पटना में बिहार की जो-जो खासियत है, जिन-जिन चीजों की पहचान है उसको प्रदर्शित करने की पूरी कोशिश करते हैं। मिथिला पेंटिंग बिहार की ही नहीं बल्कि पूरे देश की पहचान बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर, सड़कों का निर्माण, संस्थानों के निर्माण के साथ-साथ विकास के अन्य कार्य किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य, समाज कल्याण के क्षेत्र में काम किया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। हमलोग विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि चेतना समिति ने जो मुझे दो पेज इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी के लिए दिया था, उसे पढ़ने के दौरान मुझे मैथिल कोकिल विद्यापति जी के एक अन्य रुप को जानने का मौका मिला। मैथिल कोकिल विद्यापति जी कवि, लेखक ही नहीं बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उस जमाने में बहु विवाह एवं बेमेल विवाह प्रथा एक कुरीति के रुप में विद्यमान थी जिसका विरोध विद्यापति जी अपनी लेखनी के माध्यम से करते रहे। पुरुष वर्ग में नशा के प्रचलन का महिलाओं में पड़ रहे दुष्प्रभाव का जिक्र भी उन्होंने अपनी लेखनी में किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने शराबबंदी कार्यक्रम एवं बाल विवाह एवं दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाकर विद्यापति जी के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने चेतना समिति से आग्रह किया कि विद्यापति जी के बारे में समाज सुधार के इन कार्यक्रमों का अपने आयोजनों में लोगों को विस्तार से बताएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चेतना समिति मुझे विस्तार पूर्वक इससे संबंधित सामग्री उपलब्ध कराए ताकि मैं बिहार के हरेक क्षेत्रों में समाज सुधार के उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचा सकें। चेतना समिति उनके संबंधित विचारों का संग्रह कर उसे प्रकाशित करें।
राज्य सरकार उसमें हर संभव सहायता करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में प्रेम शांति सद्भावना का माहौल बनाए रखना है उन्होंने कहा कि जब तक सामाजिक कुरीतियों से छुटकारा नहीं मिल जाता तब तक विकास का उचित लाभ लोगों को नहीं मिल पाएगा। राज्य सरकार विकास कार्यों के साथ-साथ समाज सुधार के कामों को भी प्राथमिकता दे रही है। महिलाओं की मांग पर ही हमने शराबबंदी को लागू किया और उससे समाज का वातावरण बदला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 600 साल पहले विद्यापति जी थे लेकिन आज भी उनका वही सम्मान है। मिथिला का इतिहास भी काफी गौरवशाली रहा है। विद्यापति जी की भूमिका को लोगों के बीच में प्रचारित करना है ताकि सिर्फ विद्यापति जी को खास मौके पर ही नहीं बल्कि उनके विचारों को जान सकें और अपना सकें।
मुख्यमंत्री ने मिथिला पेंटिंग पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने विद्यापति जी के चित्र पर माल्यार्पण किया। मैथिल के क्षेत्र में अग्रणी कार्य करने वाले लोगों को भी मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया। कार्यक्रम की शुरुआत में “जय-जय भैरवी असुर भयाविनी….” गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम को पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री विनोद नारायण झा, बिहार योजना परिषद के सदस्य श्री संजय झा, विधान पार्षद श्री विजय कुमार मिश्र, विधान पार्षद श्री दिलीप कुमार चैधरी, चेतना समिति के अध्यक्ष श्री विवेका नंद झा ने संबोधित किया।
इस अवसर पर चेतना समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती प्रेमलता मिश्र प्रेम, चेतना समिति के सचिव श्री उमेश मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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