- July 14, 2015
मछुआरों के लिये संचालित दुर्घटना बीमा योजना
मध्यप्रदेश में मत्स्य महासंघ द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मछुआरों को मिल रहा है। गत वर्ष की अपेक्षा इस साल अनेक योजनाओं में उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की गई है। मछुआरों के लिये संचालित दुर्घटना बीमा योजना में इस साल अब तक 6211 मछुआरों को लाभान्वित किया गया है। झींगा पालन शुरू प्रदेश में पहली बार क्रियान्वित की जा रही झींगा पालन नीति में इंदिरा सागर और भीमगढ़ जलाशय को चिन्हित कर उत्पादन शुरू किया गया है। अब तक भीमगढ़ जलाशय में 3 लाख 50 हजार तथा इंदिरा सागर जलाशय में 3 करोड़ एक लाख झींगा बीज का संचय किया जा चुका है। दोनों जलाशय से अभी तक 50 किलो झींगा का उत्पादन भी हो चुका है। बचत-सह-राहत योजना में भी 1278 मछुआरों को लाभ दिलवाया गया। योजना में चालू साल में 4000 मछुआरों को लाभ दिलवाने का लक्ष्य है। गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में चालू साल की उपलब्धि कहीं अधिक है। इस वर्ष अब तक जनश्री बीमा योजना में 8 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि दर्ज हुई है। अप्रैल से अब तक 1531 मछुआरों को योजना का लाभ दिलवाया गया। जलदीप योजना से भी चालू साल में अब तक गत वर्ष की तुलना में 136 प्रतिशत अधिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। चालू साल के पहले दो माह में 519 मछुआरों ने जलदीप योजना का लाभ उठाया है। मछली बीज मत्स्य महासंघ की नियमित गतिविधियों में स्पान उत्पादन, मत्स्य बीज संचयन आदि शामिल है। पहले की तरह मानसून के बाद स्पान उत्पादन होगा। वहीं इस साल अब तक 8 लाख 73 हजार स्टेण्डर्ड फ्राई का उत्पादन हुआ है। विगत वर्ष के शेष मत्स्य-बीज संचय का कार्य जारी रखते हुए अब तक एक करोड़ 23 लाख 21 हजार से अधिक बीज का संचय हो चुका है। चालू वर्ष के प्रथम दो माह में ही 32 लाख 10 हजार मत्स्य-बीज संचित किया गया। इस वर्ष अब तक 1138 टन से अधिक मछली का उत्पादन हो चुका है। |
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प्रलय श्रीवास्तव |