- July 25, 2016
मछली पालन से जगदम्बा महिला समूह को मिली आर्थिक मजबूती
रायपुर ———– छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में स्थित ग्राम कुलबा में महिलाएं आगे बढ़कर स्वरोजगार अपना रही हैं और परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं। इन्हीें स्वसहायता समूहों में जगदम्बा महिला स्व- सहायता समूह भी शामिल है। नौ सदस्यीय इस समूह ने मछली पालन का व्यवसाय अपनाया और अब इन्हें सालाना लगभग चार लाख की आमदनी हो रही है। इससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।
स्वावलंबन की डगर पर अग्रसर ये महिलाएं गांव की अन्य महिलाओं के लिए रोल मॉडल बन गयी हैं। समूह की अध्यक्ष श्रीमती कमला सिदार ने बताया कि पहले हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। मछली पालन विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में हमने संगठित होकर मत्स्य किसान बनने का निर्णय लिया।
विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण के साथ ही हमें जरूरी संसाधन भी उपलब्ध कराए गए। इसके बाद उन्होंने गांव के ही शासकीय बारहमासी गौटिया तालाब का पट्टा आबंटित कराकर महिलाएं मछली पालन व्यवसाय शुरू किया।
श्रीमती सिदार ने आगे बताया कि यह तालाब उनके समूह को वर्ष 2012-13 से दस वर्ष के लिए लीज पर दिया गया है। तालाब में आठ हजार नग मछली बीज संचयन करने पर दो हजार 500 किलो मछली का उत्पादन होता है। जिससे सालाना तीन लाख 90 हजार की आमदनी हो जाती है। इस व्यवसाय से जुड़ने के बाद उन्होंने अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराया है जिससे अब इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो गयी है।
ग्राम पंचायत कुलबा को पहले इस तालाब से कोई आमदनी नहीं होती थी, लेकिन अब मछली पटटा आबंटन के बाद प्रत्येक वर्ष तीन हजार प्रति हेक्टेयर की दर से लीज राशि मिल रही है। इस राशि को अब ग्राम पंचायत के विकास कार्य में खर्च किया जा रहा है।
समूह की महिलाओं ने शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि मछली पालन से वे अब उन्नति की ओर अग्रसर हो रही हैं। विभाग द्वारा उन्हें इस क्षेत्र में निरंतर प्रगति के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और महिलाओं को रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।