- September 3, 2015
भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के बिना सुशासन की कल्पना नहीं की जा सकती -लोकायुक्त
जयपुर – लोकायुक्त जस्टिस एस.एस कोठारी ने बुधवार को धौलपुर और बाडी में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर आम जन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होने, अपने अधीनस्थ कार्मिकों के विरुद्घ आने वाली भ्रष्टाचार व अकर्मण्यता सम्बन्धी शिकायतों का त्वरित निपटारा कर परिवादी को राहत देने तथा लोकायुक्त सचिवालय द्वारा मांगे जाने वाली सूचनाएं समय पर भेजने के निर्देश दिए।
लोकायुक्त सचिवालय के कार्मिकों ने धौलपुर और बाडी में लोक सेवकों के विरुद्घ शिकायतें भी प्राप्त की। लोकायुक्त ने बाडी में सिविल सोसाइटी में प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर लोकायुक्त कार्यालय की कार्य प्रणाली तथा उपलब्धियों की जानकारी दी।
लोकायुक्त ने बताया कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के बिना सुशासन की कल्पना नहीं की जा सकती। भ्रष्टाचार देश के विकास और लोकतंत्र की जड़ खोदने में लगा है। इससे भारत का नाम दुनिया भर में बदनाम होता है। सजग और ईमानदार नागरिक भ्रष्ट, अकर्मण्य, पक्षपाती लोक सेवकों की शिकायत निर्धारित प्रफॉर्मा में लोकायुक्त को करें तथा भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में सहयोग दे। कोई भी व्यक्ति उन्हें लोकायुक्त सचिवालय में किसी भी कार्य दिवस को किसी भी समय मिल सकता है।
भ्रष्टाचार की समस्या की गम्भीरता समझाते हुए लोकायुक्त ने कहा कि ट्रांसपेरेसी इन्टरनेशनल ने 2009 में भारत को भ्रष्टाचार के सूचाकांक में 180 देशों में 94 वां स्थान दिया यानि 83 देशों में भारत से कम भ्रष्टाचार है। 2010 में भारत का स्थान 87, 2013 में 95 रहा। 2014 में थोडा सुधार हुआ और 85 वे स्थान पर आ गया। अभी इसमें बहुत सुधार की जरूरत है।
पिछले 2.5 वर्ष में लोकायुक्त को 8532 शिकायते मिली तथा 9128 शिकायतें निस्तारित की गई। 2001 से 2012 के बीच केवल 16281 शिकायतें मिली। इस दौरान जिला कलेक्टर शुचि त्यागी, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश सिंह, लोकायुक्त सचिवालय के सचिव, उप सचिव श्री उमाशंकर शर्मा अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री अनिल कुमार वाष्र्णेय समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
इससे पूर्व करौली-धौलपुर सांसद डॉ. मनोज राजौरिया तथा अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने धौलपुर सर्किट हाउस पहुंचने पर लोकायुक्त का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
सांसद ने बताया कि राज्य व केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्घ संघर्ष के लिए वचनबद्घ हैं तथा इस संघर्ष में सजग नागरिकों की ज्यादा भागीदारी चाहती है।