भोपाल और जबलपुर को मिले स्मार्ट शहर के 5 राष्ट्रीय पुरस्कार

भोपाल और जबलपुर को मिले स्मार्ट शहर के 5 राष्ट्रीय पुरस्कार

भोपाल :(अनिल वशिष्ठ)——–प्रदेश के स्मार्ट शहर भोपाल एवं जबलपुर ने 5 केटेगरीज में इण्डियन स्मार्ट सिटीज अवार्ड-2018 जीते हैं।

भारत सरकार के आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन विभाग द्वारा घोषित अवार्ड्स में भोपाल शहर को 3 तथा जबलपुर शहर को 2 केटेगरी में अवार्ड मिले हैं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने इण्डियन स्मार्ट सिटीज अवार्ड-2018 में भोपाल को 3 और जबलपुर को 2 अवार्ड प्राप्त होने पर स्थानीय नागरिकों, जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्मार्ट सिटी अमले को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बेहतर काम हो रहा है। इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।

प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री विवेक अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार के आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन विभाग द्वारा भोपाल स्मार्ट सिटी को पहला अवार्ड ‘इन्ट्रीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर” के रूप में की गई अभिनव पहल के लिये दिया गया है।

यह अपनी तरह का देश का पहला कमांड सेंटर है, जिसके माध्यम से प्रदेश के सभी 7 स्मार्ट शहरों में लगभग 20 सेवाओं को जोड़ा गया है तथा इनकी सतत मॉनीटरिंग की जा रही है। इन सेवाओं में राज्य-स्तर की सेवा जैसे सी.एम. हेल्पलाइन, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, आपातकालीन सेवाओं में फायर, पुलिस और हेल्थ सेवा-108 तथा शहर स्तर की सेवाओं में मेयर एक्सप्रेस, पब्लिक बाइक शेयरिंग, स्मार्ट स्ट्रीट लाइट आदि की मॉनीटरिंग और कंट्रोल किया जाता है।

दूसरा अवार्ड भोपाल स्मार्ट सिटी को ‘पब्लिक बाइक शेयरिंग” के लिये मिला है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात के दबाव को कम करना है। शहर में पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम 25 जून, 2017 से प्रारंभ किया गया।

इस प्रोजेक्ट से शहर के 36 हजार यूजर जुड़ चुके हैं, जो 69 साइकिल स्टेशनों के माध्यम से 350 साइकिल का लाभ उठा रहे हैं। इसके लिये शहर में 12 किलोमीटर लम्बा और 5 मीटर चौड़ा डेडीकेटेड साइकिल ट्रैक बनाया गया है। इसी प्रकार भोपाल शहर को तीसरा अवार्ड ‘बी-नेस्ट इंक्यूवेशन सेंटर” के लिये प्राप्त हुआ है।

इस सेंटर के माध्यम से ऐसे बेरोजगार युवक-युवतियाँ, जो संसाधनों की कमी के कारण अपने नये-नये आयडियाज को मूर्त रूप प्रदान नहीं कर पाते, उन्हें बी-नेस्ट के माध्यम से प्लेटफार्म उपलब्ध कराया गया है। इस सेंटर पर युवाओं को बेहतर वर्किंग एन्वायरमेंट के साथ संसाधन उपलब्ध कराये जाते हैं। साथ ही उनके प्रोडक्ट और आयडिया की मॉर्केटिंग, फायनेंसिंग, लीगल एडवाइज भी प्रदान की जाती है।

इसी प्रकार जबलपुर स्मार्ट सिटी को एक अवार्ड एनडीएमसी की ‘स्मार्ट क्लास-रूम” के लिये दिया गया है, जिसमें शहर के 5 शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूलों की 20 क्लास को स्मार्ट क्लास के रूप में परिवर्तित किया गया, जिनमें सिलेबस को 2-डी और 3-डी इमेज के माध्यम से विभिन्न भाषाओं में पढ़ाया जा सकता है।

स्कूलों में स्मार्ट स्टूडियो की सहायता से एक वर्चुअल क्लासेस की सुविधा प्रदान की गई है, जहाँ कोई भी शिक्षक एक ही जगह से सभी स्कूलों के क्लासेस में बैठे विद्यार्थियों को पढ़ा सकता है।

जबलपुर स्मार्ट सिटी को दूसरा अवार्ड ‘वेस्ट टू इनर्जी प्लांट” पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई पहल में दिया गया है।

इस प्रोजेक्ट में जबलपुर नगर निगम द्वारा पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मॉडल के आधार पर बेस्ट टू एनर्जी प्लांट स्थापित किया गया, जिससे 11.5 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। उत्पादित बिजली को 6.39 पैसे प्रति यूनिट की दर से विद्युत वितरण कम्पनी को बेचा जा रहा है।

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