भीषण सूखे की स्थिति :: 2400 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की मांग

भीषण सूखे की स्थिति ::   2400 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की मांग

वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया एवं कृषि मंत्री श्री गौरी शंकर बिसेन ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली से मुलाकात कर प्रदेश में अवर्षा से उत्पन्न भीषण सूखे की स्थिति से अवगत करवाया। मंत्रीद्वय ने कहा कि प्रदेश पिछले तीन-चार वर्ष से लगातार प्राकृतिक आपदा के कारण सूखे की स्थिति से जूझ रहा है। इससे फसल के उत्पादन में तो काफी गिरावट आयी साथ ही किसान को भी काफी आर्थिक नुकसान हुआ है।

मंत्री द्वय ने अनुरोध किया कि केन्द्र सरकार प्रदेश में हुए नुकसान के आकलन के लिए शीघ्र ही केन्द्रीय अध्ययन दल भेजे। प्रारम्भिक आकलन के अनुसार मंत्री द्वय ने 2400 करोड़ रूपये के राहत पैकेज की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रारम्भिक आकलनों के अनुसार प्रदेश के लगभग 35 जिले सूखे से प्राभावित हैं और 228 तहसीलें इसकी चपेट में हैं। लगभग 48 लाख किसान सूखे से प्रभावित हुए हैं। कुल 44.17 लाख हेक्टेयर भूमि पर सूखे का प्रकोप पड़ा है। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से अब तक 370 करोड़ रूपये राहत के रूप में किसानों में बाँटे हैं।

मंत्री द्वय ने बताया कि कृषि उत्पाद में 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान से प्रभावित किसानों की संख्या लगभग 30 लाख है। इन प्रभावित किसानों के लिए केन्द्र से 1440 करोड़ रूपये की सहायता की मांग की गयी। इसी प्रकार पेयजल के लिए 300 करोड़ रूपये, सहकारिता क्षेत्र में अल्पकालीन ऋण को शून्य प्रतिशत ब्याज पर किसानों को मुहैया करवाने के लिए 750 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहायता की मांग की गयी है।

केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने मंत्री द्वय को ध्यान से सुना। श्री जेटली ने स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए शीघ्र ही नुकसान के आंकलन के लिए अध्ययन दल भिजवाने का आश्वासन दिया।

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