- December 23, 2017
भाषण एवं सम्भाषण के स्तर में गिरावट चिंता का विषय—-राज्यपाल
जयपुर———– राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने कहा कि मौजूदा दौर में राजनीति से लेकर सामान्य व्यवहार, भाषा एवं सम्भाषण में गिरावट चिंता का विषय है। उन्होंने भावी पीढ़ी में आत्मविश्वासपूर्ण, स्वच्छ, संयमित एवं विनम्र सम्भाषण कला विकसित करने के लिए विश्वविद्यालयों को अनिवार्य अतिरिक्त पाठ्यक्रम संचालित करने पर विचार करने की जरूरत बताई।
श्री सिंह शनिवार को उदयपुर के विवेकानंद सभागार में मोहनलाल सुखाड़िया
विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने समारोह में कुल 202 गोल्ड मेडल व पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ-साथ रोजगार के क्षेत्र में भी विनम्र सम्भाषण कला की प्रमुख भूमिका है। सरकारी सहित निजी क्षेत्रों में रोजगार के लिए होने वाले साक्षात्कारों में कम्यूनिकेशन स्किल विकसित करने की दिशा में राज्यपाल ने सुखाड़िया विश्वविद्यालय को रोल मॉडल की भूमिका निभाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को अध्ययन-अध्यापन के साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़कर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्हें विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर पैनी निगाह रखते हुए उनके उचित समाधान की राह समाज लिये प्रशस्त करनी होगी। उन्होंने सामाजिक विज्ञान संकाय को इसके लिए आगे आने की जरूरत बताई।
कौशल विकास का केन्द्र बनें विश्वविद्यालय
राज्यपाल ने कहा कि बदलते परिवेश मेंं शिक्षा के साथ आजीविका के लिए अब कौशल विकास की महती आवश्यकता है। ऎसे में विश्वविद्यालयों को ज्ञान का केन्द्र बनाए रखते हुए कौशल विकास के केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना होगा। उन्होंने कहा कि दीक्षान्त के समय विद्यार्थियों के पास ऎसा कौशल हो कि वे अपनी आजीविका भली-भांति निर्वहन कर सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा साइबर सिक्योरिटी पाठ्यक्रम आरंभ करने पर प्रसन्नता जाहिर की।
शोध कार्यों का व्यापक लाभ पहुंचाएं
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को अपनी सामाजिक भागीदारी बढ़ाने के लिए वहां किये गये शोध का लाभ व्यापक स्तर तक पहुंचाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शोध कार्यों के निष्कर्षों को नीति नियोजन और कार्यक्रम निर्माण में मदद के लिए सरकार तक पहुंचाएं।
युवाओं का व्यावहारिक टेस्ट अभी बाकी
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षान्त तो एक थ्यौरी है जीवन की व्यावहारिक परीक्षा तो अब देनी होगी। उन्होंने कहा कि युवा अपने मोहल्ले, शहर, गांव के लिए कुछ नया योगदान करने का संकल्प लेकर राष्ट्र निर्माण में अनुकरणीय भागीदारी निभाएंगे तभी जीवन की सच्ची सार्थकता होगी।
राज्य के हर उपखण्ड पर होंगे कॉलेज
समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी ने कहा कि राज्य में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। राजस्थान सरकार ने पिछले चार वर्षों में राज्य में 45 नये राजकीय महाविद्यालय खोले हैं। राज्य के शेष रहे 22 उपखण्ड मुख्यालयों पर भी महाविद्यालय खोले जाने के लिए सरकार प्रभावी प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के 100 महाविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 2-2 करोड़ की राशि रूसा से उपलब्ध कराई गई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इग्नू के साथ राज्य के 94 राजकीय महाविद्यालयों में 16 सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्सेस आरंभ किए हैं इससे साढ़े 5 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें छात्राओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्यार्थियों को निःशुल्क सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए देश की जानी-मानी कम्पनियों के माध्यम से साक्षात्कार आयोजित किये गए, इससे हजारों आशार्थियों को लाभ पहुंचा है।
श्रेष्ठ चरित्र और आचरण से मनुष्यता का संस्कार दें
समारोह में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष डॉ. बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि देश में श्रेष्ठ चरित्र और सदाचरण से विश्वभर में मानव समुदाय को मनुष्यता का संस्कार देने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी शिक्षा के महत्व के स्वरूप को समझते हुए संकल्प के साथ दुःखी एवं पीड़ित मानवता के लिए सकारात्मक भूमिका निभाते हुए देश व समाज के उन्नयन का संवाहक बनने की जरूरत है। उन्होंने सभी भेदभावों से ऊपर उठकर देश में सामाजिक समरसता का वातावरण तैयार करने की जरूरत बताई।
नवाचारों के लिए संकल्पबद्ध सुखाड़िया विश्वविद्यालय
दीक्षान्त समारोह का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी.शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्र हित में कई नवाचारों को अपनाते हुए अपनी साख कायम कर रहा है। उन्होंने समाज हित में सदैव संकल्पबद्ध होकर विश्वविद्यालय की श्रेष्ठतम सेवाओं का भरोसा दिलाया।
अध्यात्म केन्द्र कॉर्नर का शुभारंभ
राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने इस मौके पर विश्वविद्यालय आरोग्य एवं अध्यात्म केन्द्र की ओर से स्वाध्याय सत्र श्रीमद्भागवत संजीवनी के प्रवचन आधारित कॉर्नर का भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर शुभारंभ किया।
57 गोल्ड मेडल और 145 को पीएचडी उपाध
समारोह में माननीय राज्यपाल के हाथों 57 गोल्ड मेडल एवं 145 दीक्षार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की गई। इनमें स्वर्ण पदक में 13 पुरुष व 44 महिलाओं तथा पीएचडी में 75 पुरुष व 70 महिला आशार्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।
समारोह में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा, कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के.दशोरा, सुखाड़िया विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री हिम्मत सिंह भाटी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष एवं बड़ी संख्या मंर विद्यार्थी समुदाय एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।
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