भावना में बहकर वोट डालना उचित नहीं — राम कुमार लाल दास

भावना में बहकर वोट डालना उचित नहीं — राम कुमार लाल दास

भाजपा के घोषणा पत्र पर चर्चा

लेकिन सबसे पहले देश की समस्याओं को एक नजर देखना आवश्यक होगा।

वर्तमान में हमारे देश की निम्नलिखित महत्वपूर्ण समस्याएं हैं जिन का निदान किए बगैर हम शिक्षित भारत, मजबूत भारत और एक विकसित भारत की कल्पना तक नहीं कर सकते,

देश में व्याप्त भ्रष्टाचार,

दोस्त होती शोध परक शिक्षा व्यवस्था,

लक्सर न्यायिक व्यवस्था,

निर्धारित समय पर किसी भी कार्य का नहीं होना,

जानलेवा प्रदूषण,

शिक्षा का बाजारीकरण,

आम लोगों से दूर होती शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था इत्यादि।

अब एक नजर भाजपा के घोषणा पत्रों पर,

22 बड़े रोजगार के कौन से सेक्टर होंगे और उनसे कितनी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, इसकी चर्चा नहीं की गई है।

सरकार भले ही 5000000 तक का कर्ज भले ही बिना गारंटी के देने की घोषणा करें लेकिन असलियत का पता बैंक में जाने के बाद ही चलता है जब बैंक वाले एक छोटी सी रकम बिना गारंटी के नहीं देते हैं।

सभी गरीब परिवारों को पक्का घर देने का जो वादा किया गया है इसके लिए अपार धन राशि का स्रोत क्या है यह नहीं बताया गया है।

सभी गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर देने का वादा किया है लेकिन इस पर आने वाला खर्च का स्रोत क्या होगा।

केसीसी पर एक लाख तक के रिंग पर ब्याज की वापसी 5 साल तक नहीं होगी, सवाल यह है कि वर्तमान में ही हमारे बैंक की स्थिति चरमरा गई है, क्या बैंक इसके भार को सहन कर सकती है,रिजर्व बैंक से परामर्श की गई है क्या।

सभी शिक्षण संस्थानों में सीट बढ़ाने की बात कही गई है, नया केंद्रीय विद्यालय एवं नवोदय विद्यालय खोलने की बात कही गई है लेकिन वर्तमान में जो शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की घोर कमी है उस पर बहाली की चर्चा नहीं की गई है।

ना मेडिकल कॉलेज तो खोलने की घोषणा की गई है, अच्छा होता की सबसे पहले देश में जितने चिकित्सा संस्थान हैं उन्हें आधुनिकता से लैस कर दिया जाता क्या अमीर और क्या गरीब सबों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा का लाभ मिलता और चिकित्सा की समस्या ही समाप्त हो जाती।

किसानों एवं व्यापारियों को पेंशन देने की बात तो कही गई है लेकिन इसके लिए धनराशि कहां से जुगाड़ होगा इस पर पार्टी मौन है।

पीएम किसान योजना में देश भर के सभी किसानो को जोड़ने की बात कही गई है लेकिन यदि इस तरह खैरात बांटने की कोशिश की गई तू इस देश को आर्थिक दिवालिया होने से तो भगवान भी नहीं बता सकते, बीजेपी वाले क्या कर लेंगे।

राम मंदिर, धारा 370 एवं 35-A दो बीजेपी को सिर्फ चुनाव से पूर्व भी याद आती है। सत्ता में जाने के बाद उसे कूड़ेदान में ढक देती है।

आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात की गई है। लेकिन वर्तमान में जो हमारे यहां कानून है उसको बदली भी ना आतंकवाद से निपटना संभव नहीं है।

अजहर मसूद को तो वर्तमान कानून के तहत ही 5 साल तक सिर्फ जेल में रख पाए। उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सके।

कश्मीरी पंडितों की वापसी की चर्चा तो सिर्फ चुनाव पूर्व बेला पर की गई है। इससे पूर्व तो इस पार्टी में कश्मीरी पंडितों का नाम लेना तक उचित नहीं समझा।

वोट डालने के वक्त सावधानी की जरुरत है !!

वोट डालने के पूर्व हमें राष्ट्रहित में पार्टियों के घोषणा पत्र एवं उनके पूर्व का चरित्र, इसके साथ ही उम्मीदवारों का चरित्र का विश्लेषण आवश्यक है।

भावना में बहकर वोट डालना उचित नहीं होगा।

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