- September 10, 2015
भारत सेवा व्यापार में अल्प विकसित देशों (एलडीसी) को डब्ल्यूटीओ में प्राथमिकता
भारत निम्ननिलिखित संदर्भ में सेवा व्यापार में एलडीसी को प्राथमिकता देने को अधिसूचित करेगाः
1. गैट्स (बाजार पहुंच) का अनुच्छेद XVI
2. तकनीकी सहायता एवं क्षमता सृजन
3. भारतीय व्यवसाय एवं रोजगार वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले एलडीसी आवेदकों के लिए वीज़ा शुल्क की माफी
ये प्राथमिकताएं भारत द्वारा अधिसूचना जारी करने की तारीख से लेकर अगले 15 वर्षों तक वैध मानी जाएंगी।
भारत द्वारा सेवा व्यापार में की गई उदार पेशकश को एलडीसी की सदिच्छा मिलनी चाहिए। भारत शुल्क मुक्त टैरिफ प्राथमिकता (डीएफटीएफ) योजना के रूप में वस्तु व्यापार के क्षेत्र में एलडीसी के समक्ष पहले ही एक अत्यंत आकर्षक पेशकश कर चुका है। सेवा व्यापार में समान उदार पेशकश से भारत को एलडीसी मुद्दों पर अपनी अग्रणी स्थिति को संरक्षित रखने एवं उसे मजबूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। यही नहीं, डब्ल्यूटीओ के दोहा दौर के विकास आयाम के मद्देनजर यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि भारत सेवा व्यापार में भी एलडीसी के समक्ष उदार पेशकश करे। एक और खास बात यह है कि अनेक एलडीसी दक्षिण एशिया में स्थित हैं, जबकि ज्यादातर अफ्रीका में स्थित हैं, जिनके साथ भारत अपने विशेष रिश्ते को बरकरार रखे हुए है।
भारत द्वारा सेवा व्यापार में एलडीसी को प्राथमिकता देने से वीजा शुल्क की माफी के चलते हर साल 6.5 करोड़ रुपए और एलडीसी आवेदकों को प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान करने एवं तकनीकी परामर्श पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने के चलते हर साल 2.5 करोड़ से लेकर 3 करोड़ रुपए तक का बोझ उठाना पड़ेगा। जहां तक गैट्स (बाजार पहुंच) के अनुच्छेद XVI के तहत पेशकश का सवाल है, उनका सीधे तौर पर वित्तीय असर नहीं पड़ेगा।