- November 16, 2017
भारत –सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस की ओर लंबी छलांग
पीआईबी (नई दिल्ली)———–जीसीसीएस 2017 में 36 घंटे का वैश्विक साइबर चुनौती-ग्रेंड फिनाले-पीस-ए-थॉन होगा सम्मेलन में सब कुछ कागज रहित होगा, पंजीकरण पूर्व से यात्रा और होटल बुकिंग सब कुछ एप और वेब से होगा ।
भारत पहली बार साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। 23 और 24 नवम्बर, 2017 को होने वाला यह सम्मेलन साइबर स्पेस और संबंधित विषयों पर सबसे बड़ा सम्मेलन है।
यह सम्मेलन ऐरो सिटी नई दिल्ली में होगा। सम्मेलन का उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। समापन समारोह में विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज प्रमुख भाषण देंगी।
साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन की शुरूआत लंदन में 2011 में हुई थी। दूसरा सम्मेलन 2012 में बूडापेस्ट में हुआ था, जिसमें इंटरनेट अधिकारों तथा इंटरनेट सुरक्षा के संबंध पर जोर दिया गया था। तीसरा सम्मेलन 2013 में सोल में और चौथा सम्मेलन 2015 में हेग, नीदरलैंड में हुआ था।
भारत की ओर से आयोजित किया जाना वाला पांचवां सम्मेलन है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय नेता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ, बड़े विचारक और साइबर विशेषज्ञ साइबर स्पेस के उपयोग और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे।
साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन की जानकारी देते हुए इलेक्ट्रोनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी और विधि एवं न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में साइबर स्पेस पर पांचवां वैश्विक सम्मेलन आयोजित करना हम सभी के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यह डिजिटल इंडिया से प्रेरित भारत की विशाल साइबर शक्ति को मान्यता है।
साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन 2017 भारत को डिजिटल रूप से सशक्त देश बनाने के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है। यह सम्मेलन वैश्विक अनुभव से सीखने का अनोखा अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन पहले के सम्मेलनों से चार गुना बड़ा होगा। नीदरलैंड में हुए पिछले सम्मेलन में 1800 प्रतिनिधि शामिल हुए थे और मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि इस सम्मेलन में 10,000 प्रतिनिधि आएंगे। दुनिया के 2800 स्थानों से लोग इंटरऐक्टिव मोड में वर्चुअल भागीदारी करेंगे।
पूरे विश्व से व्यक्तिगत रूप से वेबीनार/वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हजारों प्रतिनिधि इसमें शामिल होंगे। लाखों लोग पांच सम्मेलन स्थानों से वेबकास्ट देखेंगे।
124 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। श्रीलंका के प्रधानमंत्री सहित 31 देशों के 33 मत्रिस्तरीय प्रतिनिधि शामिल होंगे।
1800 स्थानों लोग इंटरऐक्टिव मोड में वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे।
प्रारंभिक सत्र तथा अन्य कार्यक्रम समावेशी विकास के लिए साइबर, डिजिटल समावेशन के लिए साइबर, सुरक्षा के लिए साइबर और कूटनीति के लिए साइबर थीम पर आधारित होंगे। जीसीसीएस 2017 सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए व्यवसाय, सशक्तिकरण तथा साइबर स्पेस की विकासोन्मुखी क्षमता को प्रस्तुत करेगा।
123 देशों के 10,000 से अधिक प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेंगे। मार्च 2017 से भारत और विदेशों में लगभग 7,000 सिंहावलोकन कार्यक्रम शिक्षाविदों, सिविल सोसाइट, उद्योग जगत तथा नीति निर्माताओं द्वारा आयोजित किये गये।
www.gccs2017.in/speaker पर प्रख्यात वक्ताओं की सूची देखी जा सकती हैं।
पहली बार वीडियो कांफ्रेंस के लिए 800 स्थान और पूरे विश्व में लाइव वेबीनार के लिए 2,000 स्थान उपलब्ध कराये जा रहे हैं।