भारत ने विश्व बैंक: 35 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर

भारत ने विश्व बैंक: 35 मिलियन अमेरिकी डॉलर के कर्ज समझौते पर हस्ताक्षर
पेसूका —————————— ‘मध्य प्रदेश में नागरिक उत्तरदायी सेवा परियोजना यानी मध्य प्रदेश सिटीजन एक्सेस टू रिस्पोंसिव सर्विस प्रोजेक्ट’ के लिए भारत सरकार की ओर से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव (एमआई) श्री राज कुमार और विश्व बैंक की ओर से बैंक के भारत में क्षेत्रीय निदेशक ओनो रुल ने 35 लाख अमेरिकी डॉलर के आईडीए ऋण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
क्रियान्वयन इकाई समझौते पर मध्य प्रदेश की ओर से श्री एम. सेलवेंद्रन, ईडी (सार्वजनिक सेवाओं के लिए केंद्रीय एजेंसी), मध्य प्रदेश लोक सेवा प्रबंधन विभाग और विश्व बैंक की ओर से बैंक के भारत में क्षेत्रीय निदेशक ओनो रुल ने हस्ताक्षर किए। 

इस परियोजना की लागत 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें से विश्व बैंक द्वारा 35 मिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की जाएगी। शेष बची राशि राज्य सरकार के बजट से मिलेगी। इस परियोजना की समयावधि पांच वर्ष होगी।

इस परियोजना का उद्देश्य 2010 के सार्वजनिक सेवा गारंटी अधिनियम के कार्यान्वयन के माध्यम से मध्य प्रदेश में सार्वजनिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाना और उनकी गुणवत्ता में सुधार लाना है। सेवाओं और नागरिकों की पहुंच में सुधार लाकर, सरकारी सेवाओं का सरलीकरण कर, प्रदर्शन प्रबंधन और कार्यान्वयन एजेंसियों की क्षमता को मजबूत बनाकर इस परियोजना से कई महत्वपूर्ण नतीजे हासिल करने की उम्मीद है। इस परियोजना को परिणाम आधारित वित्त पोषण कार्यक्रम की तरह डिजाइन किया गया है, जिसके तहत निर्धारित परिणाम प्राप्त करने पर ही फंड जारी किया जाएगा।

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