- March 5, 2025
भारत ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा: केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी

भारत में हाइड्रोजन से चलने वाले हेवी ड्यूटी ट्रकों के पहले बेड़े का परीक्षण
पीआईबी (नई दिल्ली) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि भारत हरित हाइड्रोजन उत्पादन और उपयोग में ग्लोबल लीडर बनने का प्रयास कर रहा है। नई दिल्ली में हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों के भारत के पहले बेड़े के परीक्षण के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए श्री जोशी ने राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) के पीछे के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में देश की प्रगति पर प्रकाश डाला।
केंद्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक हरित ऊर्जा परिवर्तन में खुद को सबसे आगे रखा है। 19,744 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का उद्देश्य भारत को विभिन्न क्षेत्रों में हाइड्रोजन उत्पादन, भंडारण और अनुप्रयोग में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है और 4,12,000 टीपीए हरित हाइड्रोजन उत्पादन और प्रति वर्ष 3 गीगावाट इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण क्षमता को मंजूरी दी है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा और मापनीयता सुनिश्चित करने के लिए 88 मानकों के प्रकाशन के साथ-साथ परिवहन, शिपिंग, स्टील और भंडारण में सात पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
भविष्य की ओर देखते हुए श्री जोशी ने भारत के महत्वाकांक्षी 2030 लक्ष्यों को रेखांकित किया, जिसमें सालाना 5 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन, 60-100 गीगावॉट इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता स्थापित करना और हाइड्रोजन उत्पादन के लिए समर्पित 125 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता को जोड़ना शामिल है। इन पहलों से सालाना 50 मिलियन मीट्रिक टन सीओ₂ उत्सर्जन को कम करने, आयात में एक लाख करोड़ रुपए की बचत करने और 8 लाख करोड़ रुपए के निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलने की उम्मीद है।
श्री जोशी ने हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रकों के ट्रायल की शुरुआत को भारत के मोबिलिटी सेक्टर में एक क्रांतिकारी बदलाव बताया, जिससे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम होगी और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और चौथा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है और हाइड्रोजन तकनीक इस निर्भरता को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। हाइड्रोजन से चलने वाले तीन हेवी-ड्यूटी ट्रकों का पहला बैच फरीदाबाद-दिल्ली एनसीआर और अहमदाबाद-सूरत-वडोदरा मार्गों पर चलेगा। इस बदलाव का समर्थन करने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड फरीदाबाद, वडोदरा, पुणे और बालासोर में हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशन स्थापित कर रहा है।
श्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के योगदान की भी सराहना की, जिनके नेतृत्व में हाइड्रोजन-संचालित गतिशीलता को बढ़ावा देने से इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा मिला है।
केंद्रीय मंत्री श्री जोशी ने सभी हितधारकों से हरित ऊर्जा क्रांति का समर्थन करने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि हाइड्रोजन भारत के ऊर्जा भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उन्होंने उद्योग जगत के नेताओं, नवप्रवर्तकों और नीति निर्माताओं से इस दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने में सहयोग करने का आग्रह किया।