- January 18, 2017
भारत का सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव ‘प्रगति का पासवर्ड’ है: श्री नकवी
पेसूका ———— अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत का सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव ‘प्रगति का पासवर्ड’ है।
उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित किये बगैर देश में विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। श्री नकवी ने आज यहां विज्ञान भवन में राज्यों के अल्पसंख्यक आयोगों के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं।
मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार देश में सामाजिक एवं सांस्कृतिक सद्भाव को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री नकवी ने कहा कि मोदी सरकार प्रत्येक गरीब व्यक्ति की आंखों में खुशियां और उनके जीवन में समृद्धि लाने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ती रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एक ऐसा माहौल सृजित किया है जिसमें अल्पसंख्यक भी देश में विकास प्रक्रिया का एक हिस्सा बनते जा रहे हैं।
श्री नकवी ने कहा कि ‘समावेशी विकास’ केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता है और गरीबों का विकास इसका लक्ष्य है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जिसने अल्पसंख्यकों का विकास पथ पर निरंतर आगे बढ़ना सुनिश्चित किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि ‘प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री कार्यक्रम’, ‘नई मंजिल’, ‘नई रोशनी’, ‘सीखो और कमाओ’, ‘उस्ताद’ और ‘मैट्रिक से पहले एवं मैट्रिक के बाद दी जाने वाली छात्रवृत्तियों’ से समस्त अल्पसंख्यक लाभान्वित हुए हैं। इसके अलावा, केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं जैसे कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘कौशल भारत’, ‘स्टार्ट अप इंडिया’ ने भी अल्पसंख्यकों को समान रूप से लाभान्वित किया है।
श्री नकवी ने कहा कि राज्य सरकारों के सहयोग से अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय स्कूलों, कॉलेजों, मॉल, अस्पतालों, कौशल विकास केंद्रों इत्यादि का निर्माण कर रहा है और सृजित राजस्व का इस्तेमाल मुस्लिम समुदाय के लिए शैक्षणिक एवं अन्य विकासात्मक गतिविधियों हेतु किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि वक्फ की भूमि पर बहुउद्देश्यीय सामुदायिक केंद्र ‘सद्भाव मंडप’ भी बनाये जा रहे हैं, जिनका उपयोग विवाह समारोहों और प्रदर्शनियों के साथ-साथ आपदा के दौरान राहत केंद्रों के रूप में भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों के विद्यार्थियों को बेहतर परंपरागत एवं आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय 5 विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना करेगा। इस उद्देश्य से एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। समिति उन स्थलों सहित एक खाका तैयार कर रही है जहां ये संस्थान स्थापित किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि हम एक रणनीति पर काम कर रहे हैं, ताकि इन संस्थानों में वर्ष 2018 में कामकाज शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि हमने इन संस्थानों में छात्राओं के लिए 40 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा है।
देश भर में ‘बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्ति’ और ‘गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र’ शुरू करने का फैसला किया गया है।
श्री नकवी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि हज आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाने और हज मोबाइल एप को लांच करने के साथ-साथ ‘कैशलेस चौपाल’ भी अलसंख्यकों के कल्याण के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों में शामिल हैं।
केंद्र ने लगभग 262 करोड़ रुपये की लागत से करीब 200 ‘सद्भाव मंडप’ और ‘गुरुकुल’ की तरह के 16 स्कूलों को भी मंजूरी दी है। मंत्री महोदय ने यह जानकारी दी कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों को ‘शत-प्रतिशत डिजिटल’ बना दिया गया है, जिससे इन योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है।