- October 23, 2015
भारत और चीन का संयुक्त सैन्य अभ्यास : 2015 का समापन
दोनों तरफ के सैनिकों ने एक साथ प्रशिक्षण लिया और; बुनियादी व्यक्तिगत कौशल (मुकाबला मुक्केबाजी, पर्वतारोहण और निशानेबाजी), व्यापक युद्ध कौशल (बाधा पार, शूटिंग, विध्वंस, सघन शारीरिक प्रशिक्षण), और विशेष रूप से आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए इकाई/उप इकाई रणनीति पर आधारित बनाए गए सामूहिक समूहों में एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखा। भारत और चीन के सीमा क्षेत्रों पर आतंकवादी हमलों का मुकाबला करने के लिए अभ्यासी नजरिये से 21-22 अक्टूबर को एक साझा मैदानी अभ्यास किया गया। चुनौतीपूर्ण सामरिक परिस्थितियों की एक पूरी श्रृंखला ने उप इकाइयों की कार्रवाइयों को पेश किया गया और पेशेवराना और आपसी सहयोग का एक बहुत ही ऊंचा स्तर दोनों तरफ की सेनाओं के सैनिकों के बीच देखने को मिला। आज दोनों देशों के पर्यवेक्षक प्रतिनिधिमंडलों ने अभ्यास का निरीक्षण किया, जिन्होंने दोनों तरफ के सैनिकों द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया।
समापन समारोह में दोनों देशों के राष्ट्रीय झंडे परेड द्वारा प्रभावशाली परेड की गई और दोनेां देशों के राष्ट्रीय गान गाए गए। दोनों देशों के पर्यवेक्षक प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों ने परेड की समीक्षा की और उसके बाद एक-दूसरे के दल के सदस्यों को प्रमाण पत्र और पदक से सम्मानित किया गया।
भारतीय पर्यवेक्षक समूह के प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल ए.एल. चव्हाण, ने सभा को संबोधित किया और संयुक्त अभ्यास के सफल संचालन के लिए दोनों दलों को बधाई दी। उन्होंने उन्होंने कहा कि अभ्यास के दौरान पैदा हुई आपसी समझ और सद्भावना भविष्य में दोनों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत बनाने में बहुत कारगर सिद्ध होगी और इससे आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक-दूसरे की संस्थाओं और कार्रवाईयों को समझने में मदद मिली है।
चेंगदू सैन्य कमान के स्टाफ के उप प्रमुख और चीनी पर्यवेक्षक समूह के प्रमुख मेजर जनरल झांग बिंग ने कहा कि यह पांचवां संयुक्त आतंकवाद-रोधी अभ्यास था, जिसमें साझे तौर पर आतंकवाद से लड़ने के लिए दोनों देशों की शक्ति का पता चलता है और क्षेत्रीय सुरक्षा, स्थिरता बनाए रखने और विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण विकसित करने के लिए दोनों देशों के दृढ़ संकल्प और नजरिये पर रोशनी डाली गई।
उन्होंने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और कहा कि संयुक्त प्रशिक्षण में चीनी पक्ष की पेशेवराना तरीके और भारतीय दल की भावना ने उन्हें बहुत प्रभावित किया।
इस संयुक्त अभ्यास के अपने घोषित उद्देश्यों को पूरा किया। ये उद्देश्य थे – आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण और आतंकवाद विरोधी अभियानों के आपसी अनुभवों को साझा करना, दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और समझ को बढ़ाने और स्वस्थ सैन्य संबंधों को बढ़ावा देना।