- April 25, 2016
भारत और कोरिया श्रव्य–दृश्य सह-निर्माण समझौता
प्रधानमंत्री के कोरिया गणराज्य के आगामी दौरे के अवसर पर समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
दोनों देशों के फिल्म उद्योगों के बीच सहयोग से न केवल भारतीय फिल्मों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत और इसके संस्कृति के बारे में जागरुकता पैदा करने की दिशा में एक उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
दोनों सरकारों के बीच प्रस्तावित समझौते से निम्नलिखित लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है:
1. दोनों देशों के फिल्म निर्माताओं को अपनी सृजनशीलता, कला संबंधी, तकनीकी, वित्तीय और विपणन संसाधनों को एक साथ जोड़कर फिल्मों के सह-निर्माण का अवसर मिलेगा।
2. इससे द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।
3. इससे दोनों देशों के बीच कला और संस्कृति का आदान-प्रदान होगा और दोनों देशों के लोगों के बीच सद्भाव और बेहतर समझ कायम होंगे।
4. सह-निर्माण से भारत के ‘सॉफ्ट पावर’ के सृजन और उसे दर्शाने का असर उपलब्ध होगा।
5. इससे कलाकारों, तकनीकविदों के साथ ही गैर-तकनीकी लोगों को फिल्म निर्माण सहित फिल्म निर्माण-पश्चात् कार्यों और इसके विपणन के क्षेत्र में रोजगार मिलेगा और देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान होगा।
6. भारत को विश्वभर में फिल्मों की शूटिंग के लिए एक प्राथमिक गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
7. इससे देश में विदेशी मुद्रा का प्रवाह बढेगा।
8. इससे फिल्म निर्माण के लिए वित्तपोषण को पारदर्शी बनाने में मदद मिलेगी।
कोरिया गणराज्य एक प्रमुख पूर्वी एशियाई देश है जिसके साथ भारत का पिछले काफी समय से बहुपक्षीय संबंध कायम रहा है। श्रव्य-दृश्य सह-निर्माण समझौते से दोनों देशों के फिल्म उद्योगों के लिए एक नए अवसरों का द्वार खुलेगा।
पृष्ठभूमि
पूर्वी एशिया का कोरिया एक ऐसा बड़ा देश है जिसके साथ भारत ने एक अवधि के दौरान बहुमुखी संबंध स्थापित करने में सक्षम रहा है। दोनों देशों के लिए श्रव्य–दृश्य सह-निर्माण समझौता पिल्म उद्योग के लिए नई सीमाएं खोलेगा। भारत और कोरिया के बीच श्रव्य–दृश्य सह-निर्माण समझौता से उम्मीद की जा रही है कि यह सहयोग के व्यापक रास्ते को खोलेगा और भारत की विश्व के महत्वपूर्ण भाग में सांस्कृतिक मौजूदगी को मजबूती प्रदान करेगा।