भारत और अमेरिका: स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र : समझौतों पर हस्‍ताक्षर

भारत और अमेरिका: स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र :  समझौतों पर हस्‍ताक्षर

भारत और अमेरिका ने आज यहां कैंसर अनुसंधान, रोकथाम नियंत्रण और प्रबंधन पर सहयोग तथा पर्यावरण एवं व्‍यवसायगत स्‍वास्‍थ्‍य एवं जख्‍म रोकथाम एवं नियंत्रण में गठबंधन तथा सूक्ष्‍मजीवीरोधी प्रतिरोधक अनुसंधान पर आशय पत्र (एलओआई) के एक पत्र पर सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर किए। कैंसर अनुसंधान एवं सूक्ष्‍मजीवीरोधी प्रतिरोधक अनुसंधान पर आशय पत्र के समझौते पत्र पर स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में सचिव (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण तथा स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग) श्री बी पी शर्मा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव (जैव प्रौद्योगिकी विभाग) प्रो के विजय राघवन तथा भारत में अमेरिका के राजदूत श्री रिचर्ड वर्मा ने हस्‍ताक्षर किए। पर्यावरण एवं व्‍यवसायगत स्‍वास्‍थ्‍य एवं जख्‍म रोकथाम एवं नियंत्रण में गठबंधन पर सहमति पत्रों पर हस्‍ताक्षर श्री बी पी शर्मा एवं श्री रिचर्ड वर्मा ने किए।

कैंसर अनुसंधान, रोकथाम नियंत्रण और प्रबंधन पर सहयोग के लिए एमओयू पर हस्‍ताक्षर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान के राष्‍ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्‍थान, भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थान के राष्‍ट्रीय कैंसर अनुसंधान संस्‍थान तथा स्‍वास्‍थ्‍य एवं मानव सेवा विभाग (डीएचएचएस), अमेरिका के बीच किया गया।

इस सहमति पत्र के तहत सहयोग के मुख्य क्षेत्र निम्‍नलिखित हैं –

1.      कैंसर अनुसंधान, रोकथाम नियंत्रण और प्रबंधन पर विस्‍तृत द्विपक्षीय सहयोग;

2.     जनसंख्‍या आधारित कैंसर नियंत्रण एवं क्रि‍यान्‍वयन विज्ञान पर सहयोगात्‍मक अनुसंधान परियोजनाओं का विकास;

3.     मूलभूत एवं महामारी विज्ञान अनुसंधान, पूर्व-नैदानिक अनुकृति विकास, नैदानिक अनुसंधान एवं कर्क रोग देखभाल आपूर्ति के क्षेत्रों में परियोजनाओं का विकास;

4.     निम्‍न लागत प्रौद्योगिकियों, डायगनॉस्‍टिक एवं सामान्‍य कैंसर के खिलाफ वर्तमान उपचार तथा कर रोग से संबंधित नए संकेतों के लिए वर्तमान उपचारों का विकास का मिश्रण;

5.     नए कैंसर रोधी कारकों की खोज एवं विकास;

6.     कैंसर की जांच एवं पहले पता लगाने पर अनुसंधान;

7.     कैंसर की शिक्षा, पहले पता लगाने एवं उपचार के लिए ई-स्वास्थ्य, एम-स्वास्थ्य एवं दूर स्वास्थ्य दृष्टिकोण;

8.     कैंसर देखभार आपूर्ति तंत्र को मजबूत बनाने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली अनुसंधान तथा कैंसर देखभाल के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता का निर्माण;

9.     कैंसर पंजीयनों का विकास;

10. संयुक्त सम्मेलनों, संगोष्ठियों एवं आपसी दिलचस्पी की अन्य वैज्ञानिक बैठकों का आयोजन;

11.   वैज्ञानिक आदान-प्रदान एवं सूचना, और अनुभवों को साझा करना;

12.  दोनों देशों में पेशागत एवं वैज्ञानिक बैठकों में भागीदारी, और;

13.  भागीदारों के बीच लागू करने योग्य विधानों, नियमनों एवं नीतियों के अनुरूप होने की स्थिति में आपसी रूप से सहमत कोई अन्य क्षेत्र।

सहमति पत्र का उद्देश्य निम्नलिखित पर सहयोग को मजबूत बनाना हैः

1.      नैदानिक कैंसर अनुसंधान एवं रोगी देखभाल आपूर्ति के क्षेत्रों में सहयोग का संवर्धन एवं विकास;

2.     ढांचागत विकास, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण;

3.     मूलभूत, रूपांतरणात्मक और उत्तरजीविता अनुसंधान, महामारी विज्ञान रोकथाम, नैदानिक अनुवीक्षण उपचार एवं नियंत्रण समेत कैंसर अनुसंधान में सहयोग;

4.     दोनों देशों में उपयुक्त उत्कृष्टता केन्द्रों एवं संस्थानों के बीच बढ़ रही सहयोग की दिशा, जैसा कि भागीदारों द्वारा अनुशंसित है; और

5.     सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभों के लिए नई एवं किफायती कैंसर नैदानिक प्रौद्योगिकियों का आकलन और क्रियान्वयन, और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए प्रौद्योगिकियों का रूपांतरण।

दूसरे सहमति पत्र पर रोग नियंत्रण केन्द्र (सीडीसी) और रोकथाम, अमेरिका का स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच पर्यावरण एवं पेशागत स्वास्थ्य एवं जख्म रोकथाम एवं नियंत्रण के बीच हस्ताक्षर किए गए। सहमति पत्र का उद्देश्य पर्यावरण एवं पेशागत स्वास्थ्य एवं जख्म रोकथाम और नियंत्रण अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रशिक्षण, ढांचागत विकास और उनके पारस्परिक एवं आपसी लाभ के लिए क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सहयोग को और आगे बढ़ाना है। सहयोग के मुख्य क्षेत्रों में ये शामिल हैं लेकिन यहीं तक सीमित नहीं हैं;

·        विषैले रसायनों तथा हानिकारक तत्वों से संबंधित बीमारी की रोकथाम;

·   निरीक्षण समेत पर्यावरण एवं पेशागत सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं जख्म रोकथाम प्रयासों को बढ़ाने के लिए बेहतर उपकरणों, प्रौद्योगिकियों तथा पद्धतियों का उपयोग एवं विकास;

·   खाना पकाने तथा गर्म करने के लिए ठोस ईंधन को जलाने के साथ जुड़े जोखिमों पर फोकस समेत परिवेशी एवं घर के भीतर के वायु प्रदूषण का सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाव

·   कार्यस्‍थल पर दुर्घटनाओं संबंधित चोट एवं बीमारी की रोकथाम तथा संबंधित अनुसंधान

·   रसायनिक स्‍त्राव  एवं विकिरण घटनाओं के लिए योजना निर्माण, तैयारी एवं अनु्ि‍क्रया

·   औद्योगिक एवं रसायनिक अपशिष्‍ट सामग्रियों के निपटान एवं जोखिम के आकलन समेत बीमारियों के पर्यावरणगत एवं व्‍यवसायिक कारणों का अनुसंधान

·   पर्यावरणगत एवं व्‍यवसायिक स्‍वास्‍थ्‍य में जैव निगरानी एवं जैवि‍चन्‍हक का उपयोग एवं प्रयोग

·   पर्यावरण स्‍वास्‍थ्‍य प्रभावों से संबंधित जल, जल की गुणवत्‍ता, स्‍वच्‍छता, एवं सफाई की सुविधा से संबंधित रोकथाम प्रयास एवं अनुसंधान

·   शहरीकरण एवं निर्मित पर्यावरण के सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाव

·   स्‍वास्‍थ्‍य पर जलवायु परिवर्तनशीलता एवं जलवायु बदलाव का प्रभाव और

·   सड्क सुरक्षा, जलने से घाव तथा गैर इरादतन चोट के क्षेत्रों में समेत से चोट से बचाव एवं नियंत्रण के लिए सार्वजनिक स्‍वास्थ्य दृष्टिकोण

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग और अमेरिका के स्वास्थ्य एवं मानव सेवा विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान के बीच सूक्ष्म जीव रोधी प्रतिरोधक अनुसंधान पर एक आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सूक्ष्म जीव रोधी प्रतिरोधक अनुसंधान के बीच सहयोग को मजूबत करना है जिनमें निम्नलिखित क्षेत्र शामिल हैं पर ये यहीं तक सीमित नहीं हैं;

·        प्रणालीगत जीवविज्ञान के उपयोग समेत सूक्ष्म जीव रोधी प्रतिरोधक का तंत्र

·        तुलनात्मक जांच और नए परीक्षणों के प्रमाणीकरण में सहायता

·        नवीन योजनाओं का विकास

·        नवजात शिशु सघन देखभाल इकाइयों में एएमआर की संभावित पद्धतियों की खोज जैसा कि भारत और अमेरिका में पाया गया।

·        पुरानी दवाओं के नए एवं मिश्रण/उपयोग को निर्धारित करने के लिए नैदानिक अध्ययनों में संभावित सहयोग की खोज

सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों ने समझौतों का स्वागत किया और उम्मीद जताई की ये सहमति पत्र/एलओआई स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर सहयोग लाने में सफल होंगे जिनसे दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचेगा। इसके अतिरिक्त दोनों देशों के बीच सहयोग और संबंधों में गहराई आएगी और वे और अधिक मजबूत होंगे।

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