• January 16, 2021

भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की बैठक

भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की बैठक

– कोरोना काल में भारतीय समुदाय की उत्कृष्ट देखभाल के लिए भारत ने जताया आभार

नई दिल्ली — भारत-ओमान रणनीतिक सलाहकार समूह (आईओएससीजी) की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी और ओआईए) संजय भट्टाचार्य और ओमानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के राजनयिक मामलों के अवर सचिव, शेख खलीफा बिन अली अल-हरथी ने किया। बैठक में सचिव संजय भट्टाचार्य ने कोरोना काल में ओमान में रह रहे भारतीय समुदाय की उत्कृष्ट देखभाल के लिए ओमानी पक्ष का आभार जताया।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओमानी प्रतिनिधिमंडल अपनी दो दिवसीय यात्रा पर गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचा। कोविड-19 की शुरुआत के बाद ओमान से भारत की यह पहली उच्च-स्तरीय आधिकारिक यात्रा है।

आईओएससीजी की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत-ओमान संबंधों के स्पेक्ट्रम की समीक्षा की। जिसमें राजनीतिक, ऊर्जा, व्यापार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष, खनन, एस एंड टी, संस्कृति और कांसुलर क्षेत्र शामिल हैं। यही नहीं बैठक में दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी के बावजूद अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए संपर्क बनाए रखने पर संतोष व्यक्त किया।

इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ओमानी अवर सचिव, शेख खलीफा बिन अली अल-हरथी का स्वागत किया और सुल्तान हेथम बिन तारिक के शासनकाल की पहली वर्षगांठ पर ओमानी पक्ष को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुल्तान की भारत यात्रा के निमंत्रण को दोहराया।

ओमान में लगभग 7,00,000 भारतीय हैं, जिनमें से लगभग 5,67,000 श्रमिक और पेशेवर हैं। इसके अलावा अलावा हजारों भारतीय ओमान में डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, शिक्षक, व्याख्याता, नर्स, प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं।

संपर्क —
कमल कुमार I General Manager
signature_109743149
Address- B4/69A, Safdarjung Enclave, New Delhi-110029
Mobile: 9350222025 ; Email: kamal@aakhyaindia.com

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply