- January 17, 2015
भारत अमेरिका व्यापार के लिए आशा भरा माहौल
जयपुर- पार्टनरशिप समिट-2015 के दूसरे दिन के दूसरे सत्र में भारत और अमरीका में व्यापार की साझेदारी तथा भविष्य के सह निर्माण के बारे में चर्चा की गई। सत्र में यू. एस. ए. के अन्तर्राष्ट्रीय मामलात के सलाहकार फे्रंक जी विस्नर ने अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, साइबर क्राइम आदि के क्षेत्रों में भारत और अमरीका के एक साथ काम करने की संभावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए आवश्यक बाजाऱ तलाशने में अमरीका दोस्त और साझेदार हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में भारत और अमरीका एक दूसरे के पूरक हैं।
टाटा इन्डस्ट्रीज के कार्यकारी निदेशक श्री के. आर. एस. जामवाल ने कहा कि अमरीका बाजाऱ गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील व उपभोक्ता केन्द्रित है इसलिए वहां व्यापार शुरू करने वाले को ये दोनों चीज़ें ध्यान में रखनी पडेंग़ी। वॉलमार्ट इंडिया के प्रेसीडेंट क्रिस अय्यर ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में व्यापार की बहुत संभावनाएं हंै। प्रधानमंत्री के पूर्व विशेष सलाहकार एस. के. लंाबा ने दोनों देशों के राजनैतिक परिदृश्य की वजह से माहौल को आशा और आत्मविश्वास भरा बताया।
समिट के तीसरे सत्र में ÓÓमेगा रीजनल टे्रडिंग ब्लॉक्स : इम्प्लीकेशन फॉर एमर्जिंंग इकॉनोमिक्सÓÓ विषय पर विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने परिचर्चा की।
सत्र के दौरान यह बात उभर कर सामने आई कि इन सब समझौतों को सभी देश अपने-अपने हानि-लाभ के आधार पर परख रहे हैं परन्तु अब विश्व के सभी देशों को आपसी व्यापार और निवेश के लिये अपने दरवाजे खोल देने होंगे और बदलते दौर में यदि उन्हें ग्लोबल इकोनोमी में भागीदार बनना है तो ट्रेड रूल्स की पालना करनी होगी।
सत्र के दौरान-यू.एस. और ई.यू. के मध्य टा्रंसएटलांटिक टे्रड एण्ड इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप (टीटीआईपी), यू. एस और अन्य 11 देशों के बीच ट्रांस पेसीफिक पार्टनरशिप (टी.पी.पी.) भारत एवं चीन सहित आसियान और चार अन्य देशों के बीच रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनोमिक पार्टनरशिप (आर.सी.ई.पी.) के बारे में किसी सहमति तक पहुंचने के लिए हो रही बातचीत और उनके भावी परिणामों पर भी चर्चा की गई।
मलेशिया के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार व उद्योग मंत्री मुस्तफा मोहम्मद ने कहा कि मलेशिया में ट्रेड आधारित अर्थव्यवस्था है इसलिए मलेशिया कई व्यापार समझौतों से जुड़ा हुआ है और हम ग्लोबल इकॉनोमी का पार्ट बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय ग्लोबल वेल्यूज बदल रही हैं और उसी के अनुरूप हमें अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों में भी संशोधन करना होगा।
चाइना की वाणिज्य मंत्री गाओ यान ने कहा कि नई चुनौतियों से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच गहरी साझेदारी और सहयोग जरूरी है। भारत और चीन मिलकर क्षेत्रीय सम्पन्नता बढ़ाने के लिये बेहतर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बदलते समय में भारत से विश्व को बहुत उम्मीदे हैं।
केन्द्रीय वाणिज्य सचिव श्री राजीव खेर ने ट्रेड एग्रीमेंट्स को अपार सम्भावनाओं का क्षेत्र बताया। डब्ल्यूटीओ के पूर्व डिप्टी डाइरेक्टर जनरल श्री हर्षवर्धन सिंह ने ट्रेड एग्रीमेंट्स को विकास का माध्यम बताया।
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