भारत-अफ्रीका परियोजना — सीआईआई-एक्जिम बैंक का 14वां सम्‍मेलन

भारत-अफ्रीका परियोजना — सीआईआई-एक्जिम बैंक का 14वां सम्‍मेलन

भारत-अफ्रीका के बीच परियोजना साझेदारी पर सीआईआई-एक्जिम बैंक का 14वां सम्‍मेलन 17 से 19 मार्च, 2019 तक नई दिल्‍ली में आयोजित किया जाएगा। वाणिज्‍य और उद्योग मंत्रालय ने भारतीय उद्योग परिसंघ और एक्जिम बैंक के सहयोग से इसका आयोजन किया है।

यह सम्‍मेलन भारत और अफ्रीका के बीच आर्थिक और व्‍यावसायिक संबंधों को और गहरा बनाने के साथ-साथ सीमा पार की परियोजनाओं में संपूर्ण साझेदारी का मार्ग प्रशस्‍त करेगा। 2005 में अपनी शुरूआत के बाद से इस वार्षिक सम्‍मेलन ने भारत और अफ्रीका के वरिष्‍ठ मंत्रियों, सांसदों, अधिकारियों, व्‍यावसायियों, बैंकरों, प्राद्योगिकी विशेषज्ञों, स्‍टार्ट-अप उद्यमियों और अन्‍य पेशेवरों को साझेदारी की भावना से एक मंच पर लाने का काम किया है।

घाना गणराज्‍य के उपराष्‍ट्रपति डॉ. महामुदू बावूमिया, गिनी गणराज्‍य के प्रधानमंत्री डॉ. इब्राहिमा कसोरी फोफाना, लेसोथो के उप-प्रधानमंत्री मोनियाने मोलेलेकी इस सम्‍मेलन में मौजूद रहेंगे।

सम्‍मेलन में केन्‍द्रीय वाणिज्‍य और उद्योग तथा नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, वाणिज्‍य और उद्योग राज्‍य मंत्री सी.आर चौधरी तथा वाणिज्‍य विभाग में सचिव डॉ. अनुप वधावन भी शामिल होंगे। 36 देशों के व्‍यावसायिक प्रतिनिधियों के अलावा 21 अफ्रीकी देशों से 31 से अधिक वरिष्‍ठ मंत्री इस सम्‍मेलन में भाग लेंगे।

सम्‍मेलन ‘दक्षिण-दक्षिण सहयोग’ के क्षेत्र में भारत और अफ्रीका के बीच उत्‍कृष्‍ट साझेदारी में योगदान देगा। सम्‍मेलन ऐसे समय पर हो रहा है, जब वैश्विक अर्थव्‍यवस्‍था को कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जो बढ़ते संरक्षणवाद और व्‍यापार टकरावों के कारण उत्‍पन्‍न हो रही हैं।

भारत और अफ्रीका के बीच द्विपक्षीय साझेदारी भारत के तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में प्रभुत्‍व कायम करने से संवर्धित हुई है। साथ ही सब सहारा की कुछ अर्थव्‍यवस्‍थाओं द्वारा अफ्रीका की नई अर्थव्‍यवस्‍था में गतिशीलता देखने को मिली है, जो दुनिया की 10 तेजी से बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक है।

यह सम्‍मेलन भारत सरकार के अफ्रीका के साथ दीर्घकालिक जुड़ाव की विस्‍तृत संकल्‍पना के अनुकूल है। सरकार भारत-अफ्रीका के बीच आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्‍यापार में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी से स्‍पष्‍ट है जो वर्ष 2017-18 में 62.66 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया।

सम्‍मेलन के जानकारी सत्र में द्विपक्षीय, आर्थिक और व्‍यावसायिक साझेदारी के संभावित क्षेत्रों, भारतीय और अफ्रीकी उद्यमों की क्षमताओं तथा संयुक्‍त उद्यम के अवसरों पर विशेष ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा।

विचार-विमर्श के दौरान जिन दीर्घकालिक लक्ष्‍यों और उद्देश्‍यों पर विशेष रूप से चर्चा होगी वे हैं –

अगले कुछ वर्षों में भारत-अफ्रीका द्विपक्षीय व्‍यापार को बढ़ाकर 150 बिलियन तक पहुंचाना
भारतीय निर्यातकों को अफ्रीकी देशों तक पहुंच स्‍थापित कने के लिए प्रोसाहित करना और क्षेत्र में उनकी उपस्थिति बढ़ाना अफ्रीका को भारत से निर्यात के लिए भौ‍गोलिक और उत्‍पाद विविधता शुरू करना।

भारत से शुल्‍क मुक्‍त सीमा शुल्‍क प्राथमिकता की योजना और क्षमता निर्माण सहायता के अधिकतम इस्‍तेमाल द्वारा अफ्रीका के निर्माण निर्यात को बढ़ावा देना।

बुनियादी ढांचा, कृषि और खाद्य प्रसंस्‍करण, ऊर्जा सेवाओं, आईटी और ज्ञान उद्योगों जैसे क्षेत्रों में भारतीय निवेश का विस्‍तार।

उम्‍मीद है कि सम्‍मेलन में अफ्रीका के 400 से अधिक और भारत से 300 प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्‍मेलन में बी2बी बैठकों में अफ्रीका के 500 से अधिक परियोजना प्रस्‍तावों के भविष्‍य के बारे में चर्चा होने की भी उम्‍मीद है।

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