भारतीय सेना और एचडीएफसी बैंक के बीच सहमति करार

भारतीय सेना और एचडीएफसी बैंक के बीच सहमति करार

नई दिल्ली  –  भारतीय सेना और एचडीएफसी बैंक ने रक्षा क्षेत्र के वेतन पैकेज के बारे में 13 मार्च, 2015 को एक सहमति करार (एमओयू) पर हस्‍ताक्षर किये। इस मौके पर आयोजित समारोह की अध्‍यक्षता भारतीय सेना के एडजुटेंट जनरल, लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने की और ग्रुप हेड (सरकारी व्‍यवसाय) श्री राजेन्‍द्र सहगल की अगुवाई में एचडीएफसी बैंक के शीर्ष गणमान्‍य वयक्तियों ने इसमें शिरकत की।

एचडीएफसी बैंक और भारतीय सेना के बीच पहले एमओयू पर हस्‍ताक्षर वर्ष 2011 में किये गए थे और यह करार तीन वर्षों के लिए मान्‍य था। इस एमओयू को कुछ इस तरह से संशोधित किया गया है जिससे कि सेवारत सैनिकों, पेंशनभोगियों एवं परिवारों की विशेष जरूरतों को पूरा किया जा सके। अथक प्रयासों के बाद संशोधित एमओयू में अनेक अतिरिक्‍त सुविधाएं समाहित की गई हैं। सेना यह उम्‍मीद कर रही है कि इस एमओयू से बड़ी संख्‍या में वे सेवारत एवं सेवानिवृत्त रक्षाकर्मी लाभान्वित होंगे जिन्‍होंने एचडीएफसी बैंक में अपने खाते खोल रखे हैं। इस एमओयू से इन रक्षाकर्मियों को आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं भी सुलभ हो सकेंगी।

इस एमओयू की बुनियादी खूबियां हैं- नि:शुल्‍क ड्राफ्ट, नि:शुल्‍क चेक बुक, आरटीजीएस/एनईएफटी के जरिये भारत में किसी भी बैंक को कोष (फंड) का नि:शुल्‍क हस्‍तांतरण और नि:शुल्‍क एटीएम कार्ड।

पिछले एमओयू के मुकाबले इस बार जिन सुविधाओं को बेहतर किया गया है उनमें व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा (पीएआई) कवर को बढ़ाना एवं खाते तथा डेबिट कार्ड दोनों पर ही इसे लागू करना, 25 लाख रुपये का वायु दुर्घटना बीमा, वाहन ऋण के ब्‍याज पर छूट देना और वाहन तथा आवास कर्ज के प्रसंस्‍करण शुल्‍क पर 50 फीसदी की माफी शामिल हैं। इस बार पेंशनभोगियों को ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी गई है, जो इसकी एक और खूबी है। इस एमओयू में एक प्रावधान यह है कि इसकी खूबियों की हर साल समीक्षा की जाएगी।

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