भारतीय मजदूर संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति : पलायन की पीड़ा से मुक्त हुआ छत्तीसगढ़: डॉ रमन सिंह

भारतीय मजदूर संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति :  पलायन की पीड़ा से मुक्त हुआ छत्तीसगढ़: डॉ रमन सिंह

छतीसगढ –     मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज राजधानी रायपुर में भारतीय मजदूर संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की तीन दिवसीय बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मजदूर और किसान हितैषी योजनाओं के चलते छत्तीसगढ़ में पलायन की दर में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य निर्माण के समय जहां छत्तीसगढ़ से लगभग पांच लाख मजदूर रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में जाते थे, अब केवल दस-बारह हजार लोग ही जाते हैं।2188cc

यही नहीं बल्कि मजबूत अधोसरंचना निर्माण और सुनियोजित विकास के चलते बाहर के मजदूर अब हमारे छत्तीसगढ़ आकर काम करने लगे हैं। बैठक स्थानीय चौबे कॉलोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल भवन के सभाकक्ष में आयोजित की गई। छत्तीसगढ़ तथा देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 150 प्रतिनिधियों ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की तीन दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने उन्हें सम्बोधित करते हुए प्रदेश के संगठित और असंगठित क्षेत्रों के मेहनतकश मजदूरों के लिए संचालित राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। बैठक की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. बसंत कुमार राय ने की। मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना के अंतर्गत राज्य में लगभग 30 लाख मजदूर का बीमा कराया गया।

राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक श्रमिक के लिए मात्र 12 रूपए वार्षिक प्रीमियम की राशि बीमा कम्पनी में जमा की गई है। इनमें तेन्दूपता संग्राहक, भवन निर्माण  श्रमिक तथा असंगठित श्रेणी के मजदूर और अन्य श्रमिक  शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन मजदूरों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग आदि उच्च शिक्षा का संपूर्ण भार भी राज्य सरकार अपने खर्चे से पूर्ण करती है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि जनता को क्षेत्रीय असंतुलन और पिछड़ेपन की पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के नवमें और एक लाख 37 हजार वर्ग किलोमीटर इलाके में फैले इस राज्य में लगभग 44 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक नागरिक के जीवन-स्तर को ऊंचा उठाना राज्य सरकार का दायित्व है। इसे हमने चुनौती के रूप में लेकर सुनियोजित कार्य-योजना के तहत आगे बढ़ रहे हैं। हमारा प्रयास है कि अगले दस वर्ष में छत्तीसगढ़ देश के प्रथम तीन विकसित राज्यों की श्रेणी में स्थान बनाए। उन्होंने कहा कि देश की कुल जनसंख्या के महज दो प्रतिशत की आबादी वाले इस राज्य में इतनी ताकत है कि यह भारत का 20 प्रतिशत स्टील, 19 प्रतिशत एल्यूमिनियम और 20 प्रतिशत सीमेन्ट पैदा करता है।

वर्तमान बिजली उत्पादन के अलावा अगले दस साल में हम 10 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली पैदा करनें लगेंगे। राज्य में प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आमदनी लगभग 70 हजार तक पहुंच रही है। खेती-किसानी की लागत को लगातार कम करते हुए आज हम अपने किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिलाते हैं। लगभग तीन लाख 50 हजार किसानों को सिंचाई पम्पों के लिए साढ़े सात हजार यूनिट बिजली निःशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं।

बैठक में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय सह-सर-कार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले, भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री के.सी. मिश्रा, राष्ट्रीय महामंत्री श्री बृजेश उपाध्याय, राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्री व्ही. सुरेन्द्रन, भारतीय मजदूर संघ के छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र दुबे और प्रदेश महामंत्री श्री नरेन्द्र सिंह चौहान सहित सर्वश्री योगेश दत्त मिश्रा, मोहन एंटी, वीरेन्द्र नामदेव, एन.पी. कटकवार और अन्य अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने 60 लाख गरीब परिवारों को रियायती दर पर हर माह चावल देते हैं। उन्हें मात्र एक और दो रुपए में चावल दिया जाता है। हमार ध्येय अपनी गरीब जनता को केवल खाद्य सुरक्षा नहीं बल्कि उन्हें पोषण सुरक्षा भी प्रदान करना है। डॉ. सिंह ने कहा कि पोषण सुरक्षा के साथ-साथ हर नागरिक को स्वास्थ्य सुरक्षा की भी गारण्टी दिए है। लगभग 65 लाख परिवारों को राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना सुविधा प्रदान की गई है। प्रति वर्ष 30 हजार रुपए तक की ईलाज वह निर्धारित निजी अथवा शासकीय अस्पताल में करवा सकता है। इस सुविधा में गरीबी-अमीरी का कोई भेद नहीं है।

छत्तीसगढ़ के निवासी हर नागरिक को बिना भेदभाव के यह सुविधा हासिल है। उन्होंने कहा कि जब इतनी सारी सुविधाएं एक साथ उन्हें घर बैठे मिल जाए, तो कोई बाहर जाकर क्यों कष्ट भोगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास मिशन के तहत उन्हें विभिन्न प्रकार की रोजगार मूलक प्रशिक्षण को भी अधिकार के रूप में नियम बना दिया गया है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि तेन्दूपत्ता श्रमिकों को उनकी मजदूरी से ज्यादा बोनस प्रदान करने वाली देश की पहली सरकार है। जंगलों में तेन्दूपत्ता तोडने में होने वाली कठिनाईयों को महसूस करते हुए सरकार ने उन्हें चरणपादुका दिया है। इसके अलावा अन्य लघु वनोपजों को भी राज्य सरकार समर्थन मूल्य घोषित करके खरीदी का इंतजाम किया है।

डॉ. सिंह ने कहा कि रेल गाड़ियों में रोज यात्रा कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले मजदूरों को इज्जत कार्ड प्रदान कर उन्हें रियायती रेल यात्रा सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि लगभग ढाई लाख महिलाओं को सिलाई मशीन प्रदान करके उन्हें सक्षम बनाया गया है। इसके अलावा आजीविका मिशन के अंतर्गत राजमिस्त्री का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन में गांवों में टायलेट, भवन निर्माण आदि कार्यों में भी अब वे अपनी भागीदारी निभाकर आय अर्जित करेंगी।

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