भारतीय जीवन बीमा निगम का (वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही) में 234.91 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ

भारतीय जीवन बीमा निगम  का (वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही) में  234.91 करोड़ रुपये  का शुद्ध लाभ

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले कंपनी का शुद्ध लाभ सितंबर से दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही) में बढ़कर 234.91 करोड़ रुपये रहा। ऐसा सरप्लस वितरण मॉडल में बदलाव से हुआ है, जिसमें शेयरधारकों को सरप्लस में पहले की तुलना में बड़ा हिस्सा मिलेगा।

एलआईसी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 94 लाख रुपये ही रहा था। वित्त वर्ष 2022 के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान बीमा कंपनी का शुद्ध मुनाफा 1,671.56 करोड़ रुपये रहा। सरकार द्वारा एलआईसी के सरप्लस की वितरण व्यवस्था को निजी जीवन बीमा कंपनियों के समान बनाने के लिए एलआईसी अधिनियम की धारा 24 में संशोधन किए जाने से पहले कंपनी का एक ‘लाइफ फंड’ था। अब लाइफ फंड को दो फंडों (भागीदार पॉलिसीधारक फंड और गैर-भागीदार पॉलिसीधारक फंड में बांट दिया गया है। इसके नतीजतन भागीदार पॉलिसीधारक फंड में सरप्लस वितरण को चरणबद्ध तरीके से बदलकर 90:10 कर दिया गया है, जिसमें 90 फीसदी पॉलिसीधारकों और 10 फीसदी शेयरधारकों को मिलेगा। इसके अलावा गैर-भागीदार कारोबार से पैदा सरप्लस का 100 फीसदी हिस्सा सभी शेयरधारकों को वितरण के लिए उपलब्ध होगा।

एलआईसी के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा था कि इस बदलाव से एलआईसी को अपना मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुनाफा ऐसा मापदंड है, जिस पर कंपनी के सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों की कड़ी नजर रहेगी। कुमार ने कहा था, ‘सरप्लस वितरण में बदलाव से आने वाले समय में मुनाफा बढ़ेगा। उसके अलावा यह उत्पादों, विस्तार, पहुंच, ज्यादा लोगों तक पहुंचने और अछूते क्षेत्रों में उतरने से जुड़ा भी सवाल है, जिससे मुनाफे में इजाफा होगा।’

इस बीमा कंपनी द्वारा संग्रहीत कुल प्रीमियम वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में 0.8 फीसदी बढ़कर 97,761 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि में 97,008 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2022 के पहले नौ महीनों के दौरान बीमा कंपनी का कुल प्रीमियम 2.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2021 के पहले नौ महीनों से 1.67 फीसदी अधिक है। इसमें पहले साल का प्रीमियम, रीन्यूअल प्रीमियम और सिंगल प्रीमियम शामिल हैं। एलआईसी के ग्राहकों का पॉलिसी जारी रखने का अनुपात वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही में घटा है। कंपनी का 13 महीने का निरंतरता अनुपात 69.23 फीसदी रहा है, जो पिछले साल की इसी अवधि में 72.98 फीसदी था। लेकिन 61 महीने का निरंतरता अनुपात पिछले साल की अवधि के मुकाबले बढ़कर 57.28 फीसदी रहा। यह अनुपात संकेत देता है कि कितने पॉलिसीधारक बीमा कंपनी से ली हुई पॉलिसी के प्रीमियम का नियमित रूप से भुगतान कर रहे हैं। कंपनी की कर्ज और अन्य देनदारियों को चुकाने की क्षमता का मापक सॉल्वेंसी अनुपात दिसंबर 2021 में सुधरकर 1.77 हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.64 था।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply