भारतीय चीनी उद्योग संकट के दौर में – बूस्टर की मांग

भारतीय चीनी उद्योग संकट के दौर में – बूस्टर की मांग

नई दिल्‍ली: भारतीय चीनी उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है और केंद्र सरकार से एक बूस्टर की मांग कर रहा है। चीनी उद्योग ने 2020-21 सीजन में चीनी उत्पादन सामान्य से अधिक होने की उम्मीद जताई है और निर्यात नीति की घोषणा में देरी से चीनी मिलों के सामने संकट की बात कही जा रही है।

आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से चीनी उद्योग से जुडे हितधारकों ने केंद्र सरकार से अपनी चिंताओं और अपेक्षाओं को साझा किया।बैठक में चीनी मिलों की बैलेंस शीट, विभिन्न योजनाओं के तहत लंबित दावे, चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य, निर्यात नीति, बफर स्टॉक योजना, ऋणों का पुनर्गठन और पुनर्निर्धारण, गन्ना बकाया का भुगतान आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।

केंद्रीय मंत्री ने भी इसके बारे में ट्विटर पर जानकारी साझा किया। उन्होने कहा, “चीनी उद्योग को आत्मनिर्भर तथा और अधिक कुशल बनाने के लिये आज इस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। सरकार चीनी उद्योग तथा किसानों के लाभ हेतु इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”
(chinimandi)

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