- December 16, 2014
भामाशाह योजना: देश का पहला ऐसा कार्ड, जिसमें मुखिया के साथ परिवार की भी पहचान –मुख्यमंत्री
जयपुर- मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने देश के पहले ऐसे भामाशाह योजना कार्ड का वितरण शुरू किया जिसमें परिवार की महिला मुखिया के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों की भी पहचान है। अजमेर के पटेल मैदान में आयोजित एक बड़े समारोह में मुख्यमंत्री ने इस कार्ड से लाभ हस्तान्तरण का भी शुभारंभ किया।
श्रीमती राजे ने राजस्थान की ही नहीं देश में वित्तीय समावेशन की पहली सबसे बड़ी एवं अनूठी भामाशाह योजना के कार्ड वितरण तथा लाभ हस्तान्तरण कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए कहा कि यह योजना प्रदेश की महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार की दृढ़-इच्छाशक्ति एवं संकल्प का प्रतीक है। यह योजना करोड़ों महिलाओं के सपने साकार करेगी।
महिलाएं होंगी अब दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी स्वरूपा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश में महिला को भले ही दुर्गा स्वरूपा कहा जाता हो, लेकिन उसके हाथ में कितनी शक्ति है यह किसी से छिपा नहीं है। नारी को भले ही हमारे यहां सरस्वती का रूप माना जाता है, परन्तु शिक्षा में महिला अभी भी पिछड़ी हुई है। हम नारी को लक्ष्मी का पर्याय भी मानते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि लक्ष्मी मानी जाने वाली नारी आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है। यह योजना महिला सशक्तीकरण के प्रति समर्पित है, जो महिलाओं को सही मायने में दुर्गा, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में पहचान करवायेगी।
लाभ हस्तांतरण तथा बैंक प्रणाली के साथ जोड़ा
श्रीमती राजे ने कहा कि आज से मनरेगा, पेंशन, छात्रवृत्ति तथा राशन दुकानों को इस योजना के साथ जोड़ दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को भामाशाह कार्ड नहीं मिले हैं उन्हें वर्तमान में मिलने वाली सभी सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्ड को बैंक प्रणाली के साथ जोड़ा गया है। उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर, आईसीआईसीआई, कॉपोर्रेशन तथा इण्डियन ओवरसीज बैंक का आभार जताया, जिन्होंने बैंक प्रणाली के साथ भामाशाह योजना को जोड़कर इसकी कॉ-ब्राडिंग की।
मोबाइल पर मिलेगी हर लेन-देन की सूचना
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोबाइल नम्बर पर हर लेन-देन की सूचना उपलब्ध होगी, जब भी किसी प्रकार की लाभ राशि खाते में ट्रांसफर होगी या निकाली जायेगी, तो इसकी सूचना मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से तुरन्त मिलेगी। इससे कार्डधारी महिला को हर लेन-देन की पूर्ण जानकारी रहेगी।
बीपीएल महिला मुखिया को दो हजार रुपये
श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना में हर बीपीएल परिवार की मुखिया महिला के खाते में दो किश्तों में दो हजार रुपये की राशि ट्रांसफर करेगी, इसके लिए राज्य के लगभग डेढ़ करोड़ परिवारों की महिलाओं के नाम से बैंक खाते खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वितरण के साथ ही बीपीएल मुखिया महिला के खाते में पहली किश्त के एक हजार रुपये डाल दिये जायेंगे। पहली किश्त के 6 महीने बाद पुन: खाते में एक हजार रुपये की दूसरी किश्त ट्रांसफर की जायेगी। इसके अलावा बीपीएल परिवार के जिन सदस्यों के आधार कार्ड बन गये हैं उन्हें प्रति सदस्य 100 रुपये अलग से दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमने इस कार्ड का प्रधानमंत्री की जन धन योजना के साथ एकीकरण भी कर दिया है, जिससे अन्य योजनाओं का लाभ भी मिल सके।
कार्ड के जरिए मिलेगी राशन सामग्री
श्रीमती राजे ने कहा कि भामाशाह कार्डधारी महिलाएं बायोमैट्रिक पद्घति से राशन की दुकानों से सामग्री भी खरीद सकेंगी। प्रदेश में कुछ राशन की दुकानों पर यह सुविधा दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश की सभी राशन दुकानों पर यह सुविधा उपलब्ध करवायी जायेंगी। जब तक राशन दुकानदार बायोमैट्रिक पद्घति से राशन सामग्री का वितरण नहीं करेगा तब तक उसको सरकार की ओर से दिये जाने वाले कमीशन का भुगतान नहीं होगा।
तीन लाख रुपये तक का मेडिकल बीमा भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही भामाशाह कार्ड के माध्यम से गरीबों और वंचित व्यक्तियों के इलाज के लिए 30 हजार से 3 लाख रुपये तक का मेडिकल बीमा भी करवाया जायेगा।
पिछली सरकार योजना की भावना को नहीं समझ पाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपने पिछले कार्यकाल में भी वर्ष 2008 में यह योजना शुरू की थी। उस समय 29 लाख से अधिक बैंक खाते खुलवाकर 160 करोड़ रुपये महिलाओं खाते में ट्रांसफर भी कर दिये थे। उसके बाद पिछली सरकार ने योजना को ठप्प कर दिया। वे इस योजना की भावना को ही नहीं समझ पाये।
श्रीमती राजे ने कहा कि भामाशाह योजना के तहत एकत्र की गई सभी जानकारी का कम्प्यूटरीकरण किया गया है और इसके आधार पर हम स्वावलम्बन योजना भी क्रियान्वित करेंगे। प्रत्येक बीपीएल परिवार को केन्द्र बिन्दु मानकर उन्हें सरकार की सभी व्यक्तिगत लाभ योजना से लाभान्वित किया जायेगा और उसकी कम्प्यूटराईज्ड मॉनिटरिंग भी होगी।
महिलाओं ने बैंक से पैसे निकाले, राशन दुकान से सामग्री खरीदी
अजमेर जिले की महिलाओं ने उनको मिले कार्ड के माध्यम से बैंक से पैसे निकलवाये और राशन की दुकान से सामग्री भी खरीदी। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह सब देखा और खुशी जताई।
समारोह को सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्री श्री अरूण चतुर्वेदी, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पीएस मेहरा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल, शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी, धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी श्री अखिल अरोड़ा, विधायक श्री शत्रुध्न गौतम, श्री भागीरथ चौधरी, श्री शंकर सिंह रावत, श्री सुरेश रावत, श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा, श्री रामलाल गुर्जर भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने इससे पूर्व राजकीय विधि महाविद्यालय के नवीन भवन, मूक बधिर एवं नेत्रहीन संभाग स्तरीय आवासीय विद्यालय तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में सीटीवीएस इकाई का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा वेरी नाईस
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने अजमेर जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित गले का कंठा दिखाया तो उन्होंने देखकर कहा ‘वेरी नाईस’ बहुत सुन्दर बनाया गया है। पंचायत समिति श्रीनगर की महिला स्वयं सहायता समूह की महिला कान्ता ने मुख्यमंत्री को लाल व काले रंग का गले का कंठा पहनाया। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को 500 रुपये दिए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने अपनी 30 नवम्बर, 2014 की अजमेर यात्रा के दौरान आदर्श आगंनबाडी केन्द्र के उद्घाटन के अवसर पर महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से गले का कंठा बनाने को कहा था, जिसे वे आज देख व पहनकर बहुत प्रसन्न हुई।
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