• September 18, 2018

भामाशाह बीमा योजना फर्जी अस्पताल को भेंट, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी का बीमा करार खत्म

भामाशाह बीमा योजना फर्जी अस्पताल को भेंट,  नेशनल इंश्योरेंस कंपनी का  बीमा करार खत्म

जयपुर- भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को चलाने वाली नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने बीमा करार खत्म करने की घोषणा कर दी. अस्पतालों को मेल भेज दिया कि 13 सितंबर के बाद किसी भी मरीज का क्लेम नहीं देंगे. हालांकि आनन-फानन में राजे सरकार ने अस्पतालों को मेल भेजकर कहा इलाज करिए, क्लेम दिया जाएगा.

योजना का हश्र —————–

योजना में सरकार ने 500 सरकारी अस्पतालों के साथ 700 निजी अस्पतालों को जोड़ा था. इन अस्पतालों में जांच से लेकर भर्ती, ऑपरेशन सब कुछ मुफ्त था.

इसका नतीजा यह हुआ कि जिलों, कस्बों और गांवों में कुकुरमुत्तों की तरह अस्पताल खड़े हो गए. जिसमें कई मूलभूत जरुरतों की कमी थी. फलस्वरूप फर्जीवाड़े का खेल और क्लेम के नाम पर सरकारी धन की लूट शुरू हो गई.

नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने भी इस फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद करीब 106 करोड़ के बीमा क्लेम रोक दिए. वसुंधरा राजे सरकार ने इन फर्जी क्लेम की जांच के बजाय कंपनी पर अस्पतालों को भुगतान के लिए दबाव बनाया. इतना ही नहीं सरकार ने बीमा कंपनी के भुगतान नहीं करने पर कंपनी को दिए जाने वाले प्रीमियम में से अस्पतालों के क्लेम की बकाया 106 करोड़ की राशि काट ली है.

सरकार के इस कदम को कंपनी ने बीमा एक्ट का उल्लंघन बता कर पॉलिसी ही रद्द कर दी.

गौरतलब है कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने राजस्थान सरकार के साथ 1200 करोड़ रुपए का सालाना का बीमा करार किया था. जिसमें से करीब 500 करोड़ के बीमा क्लेम का भुगतान तो छह महीने में ही किया जा चुका है.

अस्पतालों के फर्जी क्लेम पकड़े जाने पर सजा के नाम पर सिर्फ पेनल्टी का ही प्रावधान किया गया है. तीन बार से अधिक फर्जी क्लेम साबित होने पर योजना से बाहर करने का प्रावधान किया गया है.

Related post

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…

Leave a Reply