- April 29, 2016
भवनों के निर्माण हेतु ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता लागू : एडीसी
झज्जर, 29 अप्रैल—(सतीश धारीवाल)—– भवनों के निर्माण हेतु ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता(ईसीबीसी) को अनिवार्य किया गया। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप डागर ने दी।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि हरियाणा प्रदेश में सभी वाणिज्यिक इमारतों तथा उन सभी भवनों में जिनका विद्युत भार 100 किलोवाट या इससे अधिक है या जिनकी अनुबंधित मांग 120 केवीए है, इनमें सभी वाणिज्यिक भवन, शॉपिंग मॉल, व्यापारिक भवन, होटल, मोटेल, रेस्तरा, ट्रांजिट एवं बोर्डिग भवन, बेक्विट हॉल, जल घर, रिर्सोट, सिनेमा घर, ऑडिटोरियम, क्लब, सम्मेलन केन्द्र, समारोह हॉल, कार्यालय भवन, बैंक, सार्वजनिक सहायता संस्थान, अस्पताल, संस्थागत देखभाल केन्द्र, सूचना एवं प्रोधोगिक पार्क, साइबर पार्क, बिजनेस प्रोसेस आऊटसोर्सिंग इमारत आदि शामिल हैं, में ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता(ईसीबीसी) को अनिवार्य किया गया है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के क्रियान्वयन के लिए अक्षय ऊर्जा विभाग, हरियाणा एवं हरेडा एजेंसी है। इस संबंध में हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा, राज्य ईसीबीसी के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के अधिसूचना भी जारी हो चुकी है।
श्री डागर ने बताया कि यह संहिता जलवायु क्षेत्र के अनुसार भवनों एवं उनके घटकों में ऊर्जा के प्रदर्शन के लिए मानदंडो और मानकों को परभिाषित करता है। इसके साथ-साथ इस संहिता में भवनों के सौंदर्यशास्त्र, यांत्रिक प्रणाली और उपकरण, गैर केंद्रिय एयर कंडीशनर, थर्मल आराम, वायु संचार और एयर कंडीशनिंग(एचवीएसी) प्रणाली, आंतरिक और बाहरी प्रकाश व्यवस्था, गर्म पानी, बिजली उपकरण और मोटरों सहित अन्य उपकरणों को शामिल किया गया है ताकि ईसीबीसी अनुपालना से उत्पन्न बचत सीधे इमारत के जीवन चक्र पर प्रभाव डालते हुए मालिकों और इनमें रहने वालों को लाभ मिल सके। यह अनुमान है कि इमारतों में ईसीबीसी लागू करने से 30-35 प्रतिशत ऊर्जा की बचत संभावित है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य में अब निर्माण योजनाओं को इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 120 दिनों के बाद किसी भी विहित प्राधिकारी द्वारा मंजूर नहीं किया जाएगा जब तक उन योजनाओं को ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता में प्रदान की विशिष्टताओं के लिए की पुष्टि न की गई हो। इन निर्देशों के अंतर्गत आने वाले भवनों के पूर्णता-प्रमाण पत्र संहिता की पालना सुनिश्चित होने पर ही प्रदान किए जायेंगे।