- March 16, 2020
भगवान आदिनाथ जन्मोत्सव —आचार्य सुनील सागर जी महाराज
प्रतापगढ़ –(महेश शर्मा) — नगर से चित्तोड़गढ़ मार्ग पर स्थित प्रभु श्री 1008 शांतिनाथ भगवान के अतिशय क्षेत्र में ससंघ विराजित अंकलिकर के चतुर्थ पट्टाधीश राष्ट्रगौरव, चर्याचक्रवर्ती, संयमभूषण, सिंद्धान्त पारंगत, प्राकृत ज्ञान केसरी आचार्य श्री 108 सुनील सागर जी महाराज ने क्षेत्र के सुधि श्रावकों के समक्ष अपनी अमृतमय मंगलवाणी में प्रवचन प्रारम्भ करते हुए कहा कि हम मन्दिर जाते हैं तो एक दूसरे से आग्रह पूर्वक कहते हैं कि अभिषेक करोना, किन्तु भाषा के बदलाव का चमत्कार देखिए यही वाक्य बंगाली बन्धु ऐसे बोलेगा कि अभिषेक कोरोना सभी बंगाली बन्धु ऐसे ही बोलते हैं। में कहता हूं कि आप सभी पूजा करो ना, भक्ति करो ना ,जप करो ना अगर यह सभी किया तो कभी ना होगा कोरोना।
जो वितरागी जिनेंद्र देवसे जूड़ते हैं उनका आत्म कल्याण अवश्य होता है और उनका जीवन मंगल मय हो जाता है यहाँ जंगल में शांतिनाथ भगवान बैठे हैं यह एक तीर्थ स्थान है यहाँ जंगल मैं मंगल हो रहा है प्रतापगढ़ मंदसौर नीमच वालों के लिए यह एक बड़ा तीर्थ है अपनी नई पीढ़ी को संभालने के लिए एक बड़ा पिकनिक पॉइंट भी है, बच्चों को यहाँ लाकर भगवान के दर्शन कराओ अभिषेक कराओ और पार्टी करो, चैत्र का महीना है महावीर स्वामी जन्म कल्याणक महोत्सव 6 अप्रैल को आ रहा है महावीर स्वामी अंतिम तीर्थंकर है आदिनाथ भगवान प्रथम तीर्थंकर है उनका जन्म कल्याणक उत्सव 17 मार्च को आ रहा है आचार्य गुरुवर ने कहा प्रतापगढ़ में आदिनाथ भगवान की जन्म जयंती धूमधाम से मनानी चाहिए जिस प्रकार महावीर जयंती मनाते हैं वैसे ही स्पेशल रूप से मनानी चाहिए हम पहुंचे ना पहुंचे साधु पहुंचे पर महावीर जयंती जैसे मनाते हैं वैसे ही आदिनाथ जयंती मनानी चाहिए।
प्रतापगढ़ में पहली बार यह एतिहासिक कार्यक्रम होगा आचार्य श्री ने बताया कि महावीर स्वामी जैन धर्म के संस्थापक नहीं थे महावीर स्वामी तो मार्गदर्शन एवं अंतिम तीर्थंकर थे जैन धर्म के संस्थापक एवँ प्रथम तीर्थंकर तो आदिनाथ भगवान थे तो भगवान आदिनाथ भगवान की जन्म जयंती के कार्यक्रम भव्य होना ही चाहिए यह कार्यक्रम सारी दुनिया में होना चाहिए, जिस तरह से महावीर स्वामी की जयंती मनाते हैं उसी तरह से या उससे भी अधिक भव्य आदिनाथ भगवान की जयंती मनानी चाहिए, शांतिनाथजी में भी होना चाहिए प्रथम तीर्थंकर के बारे में भी जानकारी मालूम होना चाहिए और अंतिम तीर्थंकर के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए प्रतापगढ़ के एक छोर पर स्थित जैन बोर्डिंग में आदिनाथ भगवान की प्रतिमा है प्रतापगढ़ के अंतिम छोर पर नया मंदिर जी में मूलनायक लायक आदिनाथ भगवान की प्रतिमा एवँ दोनो के बीच में जूना मंदिर तथा ऋषभदेव मंदिर 24 तीर्थंकर प्रभु हैं आदिनाथ भगवान के जन्मोत्सव का यह कार्यक्रम किस प्रकार भव्य हो सकल जैन समाज द्वारा एकजुट होकर यह सामूहिक प्रयास किया जावे।
इस पर सकल जैन समाज के श्रेष्ठी बन्धुओं ने एकत्रित होकर गुरुवर से आशीर्वाद लिया एवँ 17 तारीख को श्री आदिनाथ भगवान का जन्जमोत्न्मसव मनाने के लिए आदिनाथ जन्म कल्याण महोत्सव समिति का गठन कर सकल जैन समाज प्रतापगढ़ द्वारा आदिनाथ भगवान का जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। यह कार्यक्रम चतुर्थ पट्टाधीश राष्ट्र गौरव आचार्य श्री 108 सुनील सागर जी महाराज ससंघ प्रतापगढ़ में विराजित साधु साध्वी के सानिध्य में मनाया जाएगा
अध्यात्मिक योगी प्रकृति प्रकृति ज्ञान संयम भूषण चतुर्थ पट्टाधीश परम पूज्य आचार्य श्री 108 सुनील सागरजी महाराज ससंघ का श्री शांतिनाथ जी से आज दिनांक 17 मार्च 2020 को *प्रातः 7:00 बजे विहार होकर प्रातः 8:00 बजे नया मंदिर जी में मंगल प्रवेश होगा
प्रातः 8:00 आचार्य श्री सकल जैन समाज द्वारा आयोजित भगवान श्री आदिनाथ जन्म कल्याणक महोत्सव के चल समारोह में सानिध्य प्रदान करेंगे।
तत्पश्चात जैन बोर्डिंग मंदिर परिसर में आचार्य श्री ससंघ के प्रवचन होंगे। प्रवचन के पश्चात आहार चर्या एवं सकल जैन समाज की नवकारसी का आयोजन जैन बोर्डिंग में होगा।
आचार्य श्री का ससंघ रात्रि विश्राम जैन बोर्डिंग में रहेगा।
दिनांक 18 मार्च 2020 को प्रातः 9:00 बजे आचार्य श्री संघ के प्रवचन एवं जैन बोर्डिंग मंदिर विस्तारीकरण का शिलान्यास समारोह होगा। तत्पश्चात श्री संघ की आहारचर्या जैन बोर्डिंग परिसर में ही होगी।
दोपहर 1:30 बजे आचार्य श्री ससंघ भाई जी मंदिर (गाँछा गली) पधारेंगे।
भाई जी के मंदिर में वेदी का शिलान्यास कार्यक्रम होगा एवं दोपहर को 3:00 बजे पुनः शांतिनाथ जी के लिए विहार होगा।
सभी धर्मानुरागी बन्धुओं माताओं बहिनों से विनम्र अनुरोध है सौभाग्य से प्राप्त हुए इन अमूल्य क्षणों में आचार्य श्री के सानिध्य में आयोजित सभी कार्यक्रमों में पधार कर धर्म लाभ लेवें।