- August 10, 2018
बॉर्डर पर 650 किमी लम्बी मानव श्रृंखला “शहादत को सलाम”
जयपुर——- मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान सरकार पाकिस्तान से सटी बॉर्डर पर स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व 14 अगस्त को ’शहादत को सलाम’ कार्यक्रम आयोजित करेगी, जिसके तहत श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर जिलों की पाकिस्तान से सटी बॉर्डर पर करीब 650 किलोमीटर लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। सीमा सुरक्षा बल और सेना के सहयोग से आयोजित राज्य सरकार के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भी शामिल होंगी।
देश के इतिहास में राष्ट्र भक्ति की भावना को जन-जन में जागृत करने का यह पहला कार्यक्रम होगा, जिसके माध्यम से अपनी जान की परवाह किये बगैर सीमा पर तैनात जांबाज सपूतों का आभार जताया जायेगा और उनकी हौसला अफजाई की जायेगी।
श्रीमती राजे शुक्रवार को उदयपुर जिले के भिंडर में वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में 33 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास के बाद आमसभा को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आज भी देश की सीमाओं पर राजस्थान के सपूत सीना तानकर देश की रक्षा के लिए सबसे आगे खड़े रहते हैं। आज भी शहादत देने वालों में राजस्थान के सपूत सबसे आगे हैं। हमारी सरकार सीमा पर तैनात ऎसे जांबाज सैनिकों को इस कार्यक्रम के माध्यम से यह भी संदेश देगी कि देश का बच्चा-बच्चा उनके साथ है।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोगों से भाग लेने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान वीर-वीरांगनाओं की भूमि है। यहां जब परिवार में वीरगति की खबर आती है तो शहीद के परिजन मातम नहीं मनाते। वे गर्व के साथ सीना तानकर कहते हैं कि हमारे सपूत ने देश की रक्षा की खातिर शहादत दी है। इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो हमें राजस्थान के वीरों के किस्से पढ़ने को मिलेंगे। जो सिर कटाने के बाद भी लड़ने का माद्दा रखते थे। यहां के सपूतों में आज भी वही जज्बा है। यहां की माटी की तासीर भी यही है। वह सिर्फ वीर ही जनती है। इसीलिए तो राजस्थान को वीरों की जननी कहा जाता है।
शिक्षा एवं औद्योगिक विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश में शिक्षा और औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि प्रदेश की नई पीढ़ी पढ़-लिखकर अपना कौशल विकास करे और उसके बाद उसे नौकरियों के लिए प्रदेश में ही भरपूर अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प प्रदेश को विकास की राह पर इतना आगे ले जाना है कि वह फिर कभी बीमारू प्रदेश नहीं बने।
श्रीमती राजे ने कहा कि साढ़े चार साल पहले प्रदेश में शिक्षकों के 50 प्रतिशत पद रिक्त थे। 78 हजार भर्तियां होने से अब शिक्षकों के 21 प्रतिशत पद ही रिक्त बचे हैं। अब शिक्षकों की 88 हजार भर्तियां ओर की जा रही हैं। इसके बाद प्रदेश में शिक्षकों के 2 प्रतिशत पद ही रिक्त बचेंगे।
मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान किया कि शुभशक्ति योजना में मिलने वाली राशि का उपयोग बेटियों की पढ़ाई-लिखाई पर करें। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है।
सभा के दौरान कानोड़ एवं भिंडर को तहसील बनाने के लिए स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया।
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री राव राजेन्द्र सिंह, उच्च शिक्षामंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, यूडीएच मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी, विधायक श्री अशोक परनामी, स्थानीय विधायक श्री रणधीर सिंह भिंडर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने किए 33 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों के शिलान्यास-लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को भिडर में वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र को 33 करोड़ 41 लाख रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने 9 करोड़ 94 लाख रुपये की लागत के चार विकास कार्यों का शिलान्यास किया और 23 करोड़ 47 लाख रुपये की लागत के 9 विकास कार्यों का लोकार्पण किया।
क्र.स विकास कार्य (करोड़ रुपये में) शिलान्यास
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1.चारगदीया-कुथवास-मेनार सड़क (14 किमी) का
चौड़ाईकरण एवं नवीनीकरण 4.46
2.नवीन तहसील कार्यालय भिंडर 3
3.राडा जी से रामपोल बस स्टैण्ड सड़क निर्माण 1-48
4.रामपोल से गिरवर पोल (वाया सूरजपोल) सड़क निर्माण 1
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लोकार्पण
1. 33 केवी जीएसएस जुंजपुरा 13-77
2. पुनर्गठित शहरी जल परियोजना भिंडर 3.15
3. जनजाति बालिका छात्रावास लुणदा 2-48
4. शहरी गौरव पथ भिंडर 1.85
5. पुनर्गठित ग्रामीण जल योजना बम्बोरा 1.10
6. नगरपालिका भिंडर एवं कानोड़ के लिए दो-दो अग्निशमन वाहन 1.12
कुल 33-41