बैंक मित्रों (बीसी) के काम – काज असंतोषपूर्ण :- कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल

बैंक मित्रों (बीसी) के काम – काज  असंतोषपूर्ण :- कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल

महासमुंद ———(छ०गढ) ————————-कलेक्टर श्री उमेश कुमार अग्रवाल ने ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने के लिए नियुक्त बैंक मित्रों (बीसी) के काम-काज के प्रति गहरा असंतोष व्यक्त किया है। श्री अग्रवाल कल शाम यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बैंक अधिकारियों की विशेष बैठक लेकर उनके काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।

उल्लेखनीय है कि बैंकिंग सुविधाओं को ग्राम स्तर तक पहुंचाने के लिए विभिन्न बैंको द्वारा जिले में 80 बीसी नियुक्त किए गए हैं। ये बीसी न तो ग्रामीण इलाकों का दौरा कर रहे हैं और नहीं खातेदारों को बैंक द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को मुहैया कराने में कारगर साबित हो रहे हैं। श्री अग्रवाल ने विभिन्न सरकारी योजनाओं में अनेक बैंकों के कमजोर प्रदर्शन पर भी गहरी नाराजगी जताई है।

उन्होंने कहा कि बैंको में शासकीय धन की राशि अब उनके प्रदर्शन के आधार पर जमा की जाएगी। कलेक्टर ने सरकारी योजनाओं क्रियान्वयन में कमजोर प्रदर्शन वाले बैंकों से राशि निकालकर अन्य बैंकों में राशि जमा कराने के निर्देश भी बैठक में दिए।

कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि लोक सुराज अभियान के दौरान अभी ग्रामीण इलाकों का व्यापक दौरा किया गया है। मेरे द्वारा स्वयं अनेक गांवों का दौरा करने के साथ ही जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी इस दौरान काफी भ्रमण किए हैं। विभिन्न योजनाओं की मैदानी स्तर पर गहन पड़ताल की गई है।

इस दौरान यह तथ्य सामने आया है कि बैंक मित्र गांवों का दौरा नहीं कर रहे हैं और न हीं खातेदारों को उनकी मौजूदगी का कोई फायदा मिल रहा है। जिला प्रशासन द्वारा निर्मित साफ्टवेयर में इस संबंध में प्रविष्टि भी नहीं की जा रही है।

कलेक्टर ने संबंधित बैंक अधिकारियों को उनकी कार्यप्रणाली में सुधार लाने के लिए उन पर निगरानी बढ़ाने को कहा है। उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर उनकी नियुक्तियां की गई है, वह पूरा होना चाहिए। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में उनको दी जा रही सुविधाओं पर अस्थाई तौर पर रोक लगाने के निर्देश भी सभी सीईओ को दिए हैं।

कलेक्टर ने इस विशेष बैठक में बैंको के जरिए संचालित सरकारी योजनाओं में प्रगति की भी समीक्षा की। इनमें कैनरा बैंक, यूनियन बैंक, ऑफ इण्डिया, एक्सिस बैंक आदि का प्रदर्शन पिछले वित्तीय वर्ष में अपेक्षाकृत कमजोर पाया गया। विशेषकर प्रधानमंत्री की प्राथमिकता वाली मुद्रा ¬ऋण योजना में ऋण वितरण में शिथिलता सामने आई।

कलेक्टर ने सभी बैंक अधिकारियों से पन्द्रह दिवस से पुराने मुद्रा ऋण प्रकरणों की विस्तृत जानकारी मंगाई है। उन्होंने दो दिवस के भीतर लीड बैंक मैनेजर के पास कारण सहित रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है। जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर उनके क्षेत्रीय कार्यालयों को भी सूचित किया जाएगा।

कलेक्टर ने कुछ बैंको द्वारा बैंक में प्रस्तुत किए जाने वाले खसरा, बी-वन जैसे अभिलेख मंे बंधक अथवा अन्य जानकारी प्रविष्ट कराए जाने संबंधी मांग को भी अनावश्यक बताया है। उन्होंने कहा है कि किसान किताब में इस तरह की अतिरिक्त जानकारियां देखी जा सकती हैं। लैण्ड रिकार्ड में इस तरह की जानकारी दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं हैं।

श्री अग्रवाल ने कहा कि उपभोक्ताओं को जल्दी भुगतान हो, इसके लिए बैंक मित्रों की नियुक्ति के साथ ही पोस्ट ऑफिसों से खाता स्थानांतरित किए जा रहे हैं। बैंक प्रबंधन को सरकार की इस मंशा को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव किया जाना चाहिए। कलेक्टर ने बैठक में प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत आधार सीडिंग कार्य में  भी तेजी लाने कहा है।

अभी तक साढ़े पांच लाख खातों में से केवल 38 प्रतिशत खातों का सीडिंग किया जा सका है। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाओं के मृत्यु दावा प्रकरणों की भी समीक्षा की और इनके तत्काल निराकरण के निर्देश दिए।

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