बेटी बचाओ अभियान -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

बेटी बचाओ अभियान -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

जयपुर – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में बाल लिंगानुपात को बेहतर बनाने के लिए सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं समस्त प्रबुद्घ नागरिकों से इस सामाजिक कार्य में सहभागिता का आह्वान किया है। उन्होंने प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को बाल लिंगानुपात में आवश्यक सुधार करने के लिए भू्रण लिंग परीक्षण रोकथाम के पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रावधानों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।

श्री राठौड़ सोमवार को राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान (सीफू) में आयोजित बेटी बचाओ प्रकोष्ठ की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने पीसीपीएनडीटी एक्ट से संबंधित कार्यों की विस्तार से समीक्षा की एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होंने बाल लिंगानुपात सुधारने के लिए एक विशेष कार्य योजना बनाकर सामाजिक जनचेतना जागृत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उन्होंने भू्रण लिंग परीक्षण से जुड़े संदेहास्पद व्यक्तियों एवं संस्थानों के चिन्ह्ीकरण के लिए सक्रिय स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लेने की आवश्यकता प्रतिपादित की।

प्रदेश में ‘बेटी बचाओ अभियान’ की बं्राड एम्बेसडर एवं विधायक श्रीमती दीया कुमारी ने बैठक में कहा कि कन्या भू्रण हत्या एक सामाजिक अभिशाप है एवं इस कंलक से मुक्ति के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों को बेटो के समकक्ष ही समझकर उनकी समुचित देखभाल के साथ ही उनका सशक्तिकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की एवं सोनोग्राफी केन्द्रों का सघन आकस्मिक निरीक्षण कराने पर बल दिया।

प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा ने कहा कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अपने-अपने जिलों में बेटी बचाओ अभियान के संबंध में अभिनव कार्य कर इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैंं। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता भी प्रदिपादित की।

मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने राज्य में भू्रण लिंग परीक्षण को रोकने के लिए किये गये प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भू्रण लिंग संबंधी गोपनीय शिकायतें मुखबिर योजना के तहत दर्ज करके आवश्यक कार्यवाही की जाती है एवं सूचना सही पाये जाने पर मुखबिर को 2 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि ‘104’ टोल फ्री नंबर पर भी भू्रण लिंग परीक्षण संबंधी शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा है एवं पंजीकृत समस्त सोनोग्राफी मशीनों में एक्टिव ट्रेकर डिवाइस स्थापित करवायी जा चुकी है। उन्होंने पीसीटीएस सॉफ्टवेयर के बारे में बताया कि देश में राजस्थान पहला प्रदेश है जहां समस्त गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं नवजात शिशुओं का सम्पूर्ण रिकार्ड आनॅलाईन संधारित किया जा रहा है।

अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. नीरज के. पवन ने बताया कि प्रदे६ा की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 6 वर्ष तक की आयु के बाल लिंगानुपात में 21 की कमी हुयी है एवं यह 909 (2001) से घटकर 888 (2011) रह गया है। उन्होंने बेटी बचाओ अभियान के संबंध में की जा रही विभिन्न आईईसी गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

बैठक में विभिन्न जिलों से आये मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों ने उनके जिलों में बेटी बचाओ अभियान के लिए किये जा रहे अभिनव प्रयासों को प्रस्तुत किया। झुंझुनंू के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. धौलपुरिया ने अपने प्रस्तुतीकरण में जानकारी दी कि झुंझुनंू जिला मुख्यालय पर आयोजित विशाल बेटी बचाओ शपथ ग्रहण कार्यक्रम को लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है।

बीकानेर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा बेटियों को गोद लेने का कार्य प्रारंभ किया गया है। श्रीगंगानगर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम पंचायत भवनों पर संबंधित ग्राम पंचायत में जन्म लेने वाले बेटे-बेटियों की संख्या का उल्लेख करने का कार्य प्रांरभ किया जायेगा।

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