- June 12, 2016
बुजुर्ग और विकलांग :व्यक्तियों को देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए 2000 केयर गिवर्स को प्रशिक्षित करने का निर्णय
चंडीगढ़——————-हरियाणा सरकार ने प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुजुर्ग और विकलांग व्यक्तियों को घर आधारित देखभाल सेवा प्रदान करने के लिए 2000 केयर गिवर्स को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्रीमती कविता जैन ने बताया कि इस महत्वकांक्षी परियोजना का उद्देश्य भावी पीढ़ी को बुजुर्गों के सुसंस्कार देना और रोजगार के अवसर सृजित करना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा इस आशय के एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। श्रीमती जैन ने कहा कि प्रारम्भिक तौर पर बुजुर्गों और विकलांग व्यक्तियों के लिए 1000-1000 केयर गिवर्स को बुजुर्गों की देखभाल में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए 31 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है और चालू वित्त वर्ष के दौरान देखभाल सेवा क्षेत्र में 10000 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों ने अपने जीवन में पूर्णता हासिल की है और प्राय: अपना समय, संसाधन, ज्ञान और कौशल समाज के साथ सांझा करना चाहते हैं। बहरहाल, शारीरिक सचलता की कमी के कारण वे ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं। थोड़ी सी सहायता के साथ वे अपना कौशल व अन्य ज्ञान देने में सक्षम होंगे और इससे उन्हें परिपूर्णता, मान-सम्मान और सम्पूर्णता की भावना मिलेगी।
उन्होंने कहा कि केयर गिवर्स का कोर्स जिला पुनर्वास केन्द्र भिवानी द्वारा डिजाइन किया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र की सहायता से स्थापित किया गया है और राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, पंचकुला द्वारा प्रमाणीकरण के लिए स्वीकृत किया गया है। यह थ्यूरी और प्रैक्टिकल सहित लगभग 720 घंटों का कोर्स आंशिक रूप से आवासीय कोर्स होगा।
उन्होंने बताया कि यह कोर्स विभिन्न सामान्य व विशेष पहलूओं को कवर करेगा, जिसमें युवा सेवा प्रशिक्षण कार्यक्रम, शरीर रचना और मनोविज्ञान जैसे बुनियादी जीव विज्ञान, लिखित और रिटन एंड स्पोकन इंग्लिश सहित बेसिक इंग्लिश, बेसिक कम्यूनिकेशन स्कील, बेसिक जेरियटरिक केयर, बुजुर्ग पुनर्वास, बुजुर्ग संदेश, परामर्श और मार्गदर्शन इत्यादि पहलू शामिल हैं। उन्होंने बताया कि केयर गिवर्स को दर्द निवारक देखभाल सुविधा में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
श्रीमती जैन ने बताया कि राज्य अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान, रोहतक इस उद्देश्य के लिए नोडल कार्यालय होगा। एजेन्सी के माध्यम से प्लेसमेंट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि केयर गिवर्स सहज रूप में 8000-10,000 रुपये प्रतिमाह प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, कुछ प्रशिक्षकों को विदेशों में सेवा करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर सेवा करने के सम्बंध में उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत अदायगी की जाएगी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय पिछड़े वर्ग वित्त एवं विकास निगम ने निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत 1.5 करोड़ रुपये की राशि देने या लेने की ईच्छा व्यक्त की है। यह राशि सीधे पिछड़े वर्गों के लोगों के प्रशिक्षण के लिए खर्च होगी।
यह राशि 600 उम्मीदवारों के प्रशिक्षण के लिए वित्त पोषण करेगी। इसी प्रकार, राज्य सरकार की विशेष केन्द्रीय सहायता के तहत बिना खर्च की शेष लगभग 26 करोड़ रुपये की राशि को प्रदेश के अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए देखभाल, प्रशिक्षण शुरू करने के उपयोग में लाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत भी प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।