• October 1, 2017

बुजुर्गों के अनुभव एवं योग्यता व ज्ञान का लाभ वंचित वंचितों, पीडित लोगों तक पहुंचाने की जरूरत

बुजुर्गों के अनुभव एवं योग्यता व ज्ञान का लाभ वंचित  वंचितों, पीडित लोगों तक पहुंचाने की जरूरत

जयपुर, 1 अक्टूबर । बुजुर्गों का अनुभव एवं उनकी योग्यताओं तथा ज्ञान का लाभ देश के पीड़ित व वंचित लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए किया जाए, इससे समाज व देश को मजबूती मिलेगी क्योंकि बुजुगोर्ं में अनुभवों का बेहतर खजाना होता है। 1

यह कहना है प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर अरुण चतुर्वेदी का ।उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी में संस्कारों के अभाव देखने को मिलता है । इसलिए फिर से जरूरत है दादा दादी ,नाना नानी की कहानियां को बच्चों को सुनाने की परंपरा को वापस लाने का।

डॉक्टर चतुर्वेदी रविवार को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा इंदिरा गांधी पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित राज्य स्तरीय वृद्धजन सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे।

उन्होंने बुजुर्गों के स्वस्थ और लंबे जीवन की कामना करते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों में वह ज्ञान है जो बड़े-बड़े विश्वविद्यालय में नहीं मिलत जरूरत है उस ज्ञान का सदुपयोग कर समाज व देश के भले के लिए।

आज युवा पीढ़ी भारतीय परंपरा और संस्कारों से विमुख होते जा रही है जगह-जगह छोटे-छोटे बच्चों के साथ अप्रिय घटना हो रही है , इसका मुख्य कारण हमारी नौजवानी पीढ़ी में संस्कारों का अभाव होना है। उन्होंने यूवाओं को आव्हान किया कि बुजुगोर्ं के अनुभवों से प्रेरणा लेकर ऎसा संकल्प लेना चाहिए कि देशमैं एक भी वृद्धाश्रम नहीं बने।

उन्होंने कहा कि कोई भी बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में नहीं आना चाहता लेकिन उनकी मजबूरी है, अकेलापन के कारणों से आना पड़ता है ,इन कारणों पर गंभीरता से चिंतन करने की जरूरत है ।

उन्होंने कहा है कि आने वाला समय भारत बुजुगोर्ं का देश होगा और यह हमारे लिए बड़ी चुनौती होगी ।इसलिए अभी से बुजुर्गों के अनुभवों में ज्ञान का लाभ लेने के लिए बडे स्तर पर कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। इस काम के लिए सरकार के साथ साथ समाज को भी आगे आने की आवश्यकता है।

उन्होंने ने बताया कि प्रदेश में 44 बृद्धा आश्रम संचालित किए जा रहे हैं ,केंद्र सरकार भी बुजुर्गों के लिए वयोश्री योजना शुरू की है ।इस योजना से बुजुर्गों को विभिन्न तरह के संसाधन उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रेम नारायण गालव ने कहा कि आज के दिन हमें संकल्प लेना होगा वृद्धजनों का पूरा मान सम्मान मिले तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने ।

उन्होंने बुजुर्गों से आव्हान किया कि उनके अनुभवों से समाज एव आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बुजुर्गों के लिए पूरी तरह संवेदनशील है बुजुर्गों के लिए कई काम किए हैं। प्रदेश के अस्पतालों में ओपीडी एवं दवाइयों एवं जांच कराने के लिए अलग काउंटर बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के संभाग स्तर पर बुजुर्गों के लिए अस्पतालों में अलग से वार्ड बनाने की प्रयास किया जा रहा है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के निदेशक डॉक्टर समित शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि बुजुर्गों के कार्य से युवाओं को प्रेरणा लेकर समाज व देश को नई ऊंचाई तक पहुंचाने का काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बुजुर्गों ने अपने अनुभवों से देश व समाज के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग आज प्रदेश के 70 लाख लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा है। जिनमें दिव्यांग , परित्यक्ता, विधवा एवं बुजुर्ग शामिल है ।

वरिष्ठ नागरिक बोर्ड का पोर्टल किया लांच

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर अरुण चतुर्वेदी एवं वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रेम नारायण गालव एवं विभाग के निदेशक डॉक्टर समित शर्मा ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए बनाए गए वेब पोर्टल का बटन दबाकर लॉन्च किया। वेब पोर्टल पर बुजुगोर्ं के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी होगी ।

समारोह में 71 वृद्धजनों का किया सम्मान अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉक्टर अरुण चतुर्वेदी, वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रेम नारायण गालव,विभाग के निदेशक डॉक्टर समित शर्मा अतिरिक्त निदेशक श्रीमती संचिता बिश्नोई, श्री अशोक जांगिड़ एवं वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के सचिव श्री ओम प्रकाश ने 71 वृद्धजनों को विभिन्न तरह की समाज सेवा में अपना सक्रिय योगदान देने के लिए नारियल ,शॅाल उढाकर, प्रमाण पत्र तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर डॉक्टर चतुर्वेदी एवं अन्य अतिथियों द्वारा समारोह में वृद्धजन एवं कवि श्रीजे पी शर्मा द्वारा लिखित ‘‘गहराई आसमां की‘‘ पुस्तक का विमोचन किया गया।

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