बुजुर्गों का मार्गदर्शन ही समाज और राष्ट्र को सही दिशा प्रदान कर सकता है

बुजुर्गों का मार्गदर्शन ही समाज और राष्ट्र को सही दिशा प्रदान कर सकता है

वर्तमान समय में जब परिवारों में बिखराव और विघटन की घटनाएँ दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं, ऐसे समय में बुजुर्गों का मार्गदर्शन ही समाज और राष्ट्र को सही दिशा प्रदान कर सकता है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने आज यहाँ ‘बुजुर्गों के प्रति सामाजिक सरोकार में संस्थाओं की भूमिका” कार्यशाला में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों का सम्मान और सुरक्षा का दायित्व समाज का है। युवा पीढ़ी को भी इस बारे में जागरूक किया जाना आवश्यक है।

श्री भार्गव ने कहा कि राज्य शासन ने इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना की शुरूआत की है। इस योजना को सारे देश में सराहा गया है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहाँ वरिष्ठजन कल्याण के लिये आयोग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न देशों में लागू सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का अध्ययन कर उन्हें लागू करने की दिशा में प्रयास किये जाना चाहिये।

मध्यप्रदेश राज्य वरिष्ठ कल्याण आयोग की इस कार्यशाला को पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी ने भी संबोधित किया। शुभारंभ सत्र में उन्होंने कहा कि वरिष्ठजन के ज्ञान, शिक्षा और अनुभव का लाभ समाज को मिले, यह जरूरी है। मौजूदा समय में समाज में आयी विकृतियों और गिरावट की रोकथाम में बुजुर्ग महती भूमिका निभा सकते हैं। श्री जोशी ने वरिष्ठजन कल्याण के क्षेत्र में बेहतर काम कर रही संस्थाओं के आपसी संवाद और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से आयोग द्वारा किये जा रहे कार्यों को भी सराहा। संचालक समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन श्री अजीत कुमार भी मौजूद थे।

आयोग के अध्यक्ष श्री व्ही.जी. धर्माधिकारी ने बताया कि देश की मौजूदा 127 करोड़ आबादी में से बुजुर्ग करीब दस फीसदी है। प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में यह संख्या 5 फीसदी है। उन्होंने प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में बुजुर्गों की कम संख्या पर चिंता जताते हुए उनके स्वास्थ्य कल्याण और कार्यक्रमों को बेहतर तरीके से लागू करने की जरूरत बतायी। श्री धर्माधिकारी ने बताया कि आयोग ने वरिष्ठजन के हित में 488 अनुशंसाएँ की हैं। विभिन्न वरिष्ठजन के हित में शासकीय विभाग द्वारा 80 से अधिक आदेश जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठजन की समस्याओं का समाधान सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, वरन समाज को भी इन दायित्वों में भागीदारी निभाना होगी। उन्होंने बताया कि वरिष्ठजन के प्रति सामाजिक सरोकार में संस्थाओं की भूमिका को और बेहतर बनाया जाने के मकसद से देश में इस विषय पर यह पहला आयोजन है।

आयोग के सदस्य श्री एस.के. सारस्वत तथा श्री दौलतराम पटेल, आयुक्त नि:शक्तजन कल्याण श्री बलदीप सिंह मैनी, पत्रकार श्री विजय कुमार दास और विभिन्न सामाजिक संस्थान के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। विभिन्न विषय पर 6 समूह चर्चा हुई। इन समूहों द्वारा अनुशंसाओं का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। कार्यशाला में हेल्प एज इण्डिया सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने अपने वरिष्ठजन कल्याण कार्यक्रमों को भी साझा किया। आयोग के उपाध्यक्ष श्री नानकराम वाधवानी तथा सदस्य सर्वश्री बद्रीलाल पाटीदार, गोपाल कृष्ण गोदानी भी उपस्थित थे।

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