- May 3, 2018
बीहड़ सुधार कार्यक्रम को प्रभावी रुप से क्रियान्वित करने के निर्देश
लखनऊ : (सू०वि०)———- प्रदेश के परती भूमि विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि प्रदेश में बीहड़ सुधार कार्यक्रमों को प्रभावी रुप से क्रियान्वित करने के लिए ठोस कदम
उठाए गए हैं। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि बीहड़ क्षेत्रों को सुधार करके उन्हें फसलोत्पादन के योग्य बनाया जा सके और किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके।
श्री तिवारी ने आज यहां बताया कि गत वित्तीय वर्ष में उ0प्र0 भूमि सुधार निगम द्वारा प्रदेश के 11 बीहड़ जनपदों कानपुर देहात, फतेहपुर, इटावा, औरैया, फिरोजाबाद, बाराबंकी, कौशाम्बी, रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर और सुल्तानपुर में भूमि सुधार का कार्यक्रम चलाया गया।
उन्होंने बताया कि इन जनपदों में 19199 हेक्टेयर बीहड़ क्षेत्रफल को उपचारित करके 30 हजार से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया, जिस पर किसानों ने विभिन्न फसलंे पैदाकर लाभ अर्जित किया है।
परती भूमि विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि 11 जिलों को बीहड़ क्षेत्र को कृषि योग्य बनाने पर लगभग 33 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इससे 1364650 मानव दिवसों का रोजगार सृजित कर किसानों और श्रमिकों को लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक बीहड़ क्षेत्र यमुना नदी के जलमेट क्षेत्र में स्थित उसकी सहायक नदियां चम्बल, काली, क्वारी, केन, सेंगर आदि के दोनों ओर स्थित जनपदों में है।
श्री तिवारी बताया कि जल समेट क्षेत्र आधारित बीहड़ सुधार कार्य राज्य, केन्द्र एवं स्वयं वाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के तहत संचालित किया जा रहा है। जिनके परिणाम उत्साहपरक रहे हैं। इसके तहत अतिरिक्त क्षेत्र सघन कृषि के अंतर्गत लाया गया है।
फसल पद्धति में महत्वपूर्ण परिवर्तन परिलक्षित हुए हैं। गेंहू,दलहन, चारा एवं शाकभाजी के क्षेत्र में भी वृद्धि दर्ज की गई। भूमि के मूल्य में डेढ़ से तीन गुना तक वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि इस प्रकार बीहड़ सुधार परियोजना राज्य की बीहड़ भूमि को सुधारने/उपचारित करने तथा कृषि एवं पशुधन उत्पादकता की वृद्धि में काफी सहायक सिद्ध हुई है। इसमें न केवल भूमि का कटाव रुका, बल्कि क्षेत्र का विकास भी सुनिश्चित हुआ।
सम्पर्क सूत्रः-
सूचना अधिकरी-अजय कुमार द्विवेदी