- April 8, 2022
बिहार : 29 साल बाद न्यायालय का फैसला :: डायन बता कर वृद्ध महिला आग के हवाले
मुंगेर.(बिहार)– डायन का आरोप लगाकर वृद्ध महिला को जिंदा जलाकर मार डालने के मामले में 29 साल बाद न्यायालय का फैसला आया है. मुंगेर न्यायालय ने 2 महिला सहित 4 मुजरिमों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. मुंगेर न्यायालय के एडीजे-1 अनुराग के कोर्ट ने मुजरिमों को यह सजा सुनाई है.
29 साल पहले का यह मामला जमालपुर थाना क्षेत्र के छोटी केशोपुर मोहल्ले का है. यहां 11 अक्टूबर 1993 को आरोपियों ने डायन का आरोप लगाकर वृद्ध महिला सखीचन्द देवी पर पेट्रोल और किरासन तेल डालकर उन्हें जिंदा जला दिया था. दरअसल, इन आरोपियों में से एक की बेटी की मौत हो गई थी और वे इस वृद्धा पर दबाव बना रहे थे कि वह उनकी बेटी को जिंदा करे.
3 मुजरिमों की उम्र 65 पार
29 साल लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद बेटा अपनी मां के हत्यारों को सजा दिलाने में आखिरकार कामयाब हो गया. इस दौरान कई आरोपियों की मौत हो गई. लेकिन जो मुजरिम जीवित बचे, उनका बचा जीवन अब काल कोठरी में बीतेगा. उम्रकैद की सजा पाए 4 मुजरिमों में 3 की उम्र 65 वर्ष से अधिक है.
मुंगेर कोर्ट के एडीजे-1 अनुराग ने सुनाई सजा
हत्या के इस केस में एडीजे प्रथम अनुराग ने 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. एडीजे अनुराग के न्यायालय में सत्रवाद संख्या 465/94 व जमालपुर कांड संख्या 140/93 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद चारों आरोपियों राजू साह की पत्नी मीरा देवी, उमेश साह, प्रकाश साह और मंजू देवी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
यह था मामला
इस मामले में अभियोजन पक्ष के एपीपी सुशील कुमार सिन्हा ने बताया कि इस केस के सूचक और मृतिका के पुत्र कृष्णानंद साहू के द्वारा 11 अक्टूबर 1993 को जमालपुर थाना में कांड संख्या 140/93 दर्ज कराया गया था. इसमें जमालपुर थाना क्षेत्र के छोटी केशोपुर के रहनेवाले जागेशवर साह की बेटी आशा की मौत हो गई थी. मृतक के परिजन और शुभचिंतकों को अशंका हुई कि मोहल्ले की वृद्ध महिला सखीचन्द देवी कथित डायन की ही करतूत है, जिससे उनकी बेटी की मौत हो गई. उन्हें लगा कि सखीचन्द देवी हमारी बेटी को जीवित कर सकती है. इसी उम्मीद में आरोपियों ने 11 अक्टूबर 1993 की सुबह 6 बजे सखीचंद के घर में जाकर हंगामा किया. फिर आरोपियों ने सखीचंद से मृतक आशा को जीवित करने की बात कही. सखीचंद के इनकार करने पर आरोपियों ने उनपर पर मिट्टी तेल और पेट्रोल डालकर आग लगा दिया. इलाज के दौरान महिला सखीचन्द देवी की मौत हो गई थी.