- June 22, 2019
बिहार में ला एंड आर्डर विफल — कुमार आपे से बाहर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा कक्ष में रामविलास पासवान के नॉमिनेशन के दौरान भड़क गए. इस दौरान उन्होंने काफी तल्ख तेवर में मीडिया को मर्यादा की सीमा में रहने की नसीहत भी दी. आम तौर पर सीएम नीतीश कुमार की पहचान मृदुभाषी और सौम्य राजनीतिज्ञ की है. तमाम विरोध के बावजूद बिरले ही अपना आपा खोया होगा, लेकिन हाल में उनकी सब्र की भी सीमा टूट रही है. आखिर कौन सी वजहें हैं जो नीतीश कुमार आपे से बाहर हुए जा रहे हैं?
AES से हो रही मौत को रोक पाने में नाकाम साबित
नीतीश कुमार ने जब भी जनता के सामने अपनी बात रखी है, तब उन्होंने बिजली, सड़क और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए अपने कामों को जरूर गिनाया है. लेकिन जून महीने में स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दावे की जब पोल खुली, और चमकी बुखार से एक के बाद एक 167 बच्चे काल की गाल में समा गए तो सरकार की नाकामी जगजाहिर हो गई. जाहिर है मीडिया ने सवाल पूछना शुरू किया, विपक्ष भी हमलावर हुआ तो सीएम की सब्र की सीमा भी टूटने लगी.
कानून व्यवस्था के मोर्चे पर चुनौतियां से चिड़चिड़ाहट
बिहार सरकार के तमाम दावों के विपरीत प्रदेश में आए दिन हत्या और लूटपाट की घटनाएं लगातार हो रही हैं. बीते एक हफ्ते में ही बिहार में लगभग 100 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं. इसी तरह रेप और लूट की वारदातों में लगातार इजाफा ही हो रहा है. इसी को देखते हुए सीएम द्वारा लॉ एंड ऑर्डर पर बीते 7 जून को की गई बैठक के बाद भी पुलिस महकमा लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने में विफल साबित हो रहा है. जाहिर है सुशासन के लिए प्रसिद्ध रहे नीतीश कुमार कठघरे में है. ऐसे में चिड़चिड़ाहट का एक करण यही भी है.