- February 1, 2025
बिहार में मखाना बोर्ड का गठन स्वागत योग्य निर्णय- मनरेगा के लिए 86 हजार करोड़ रूपये श्री शिवराज सिंह
बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है- श्री शिवराज सिंह चौहान
बजट देश के 140 करोड़ भारतीयों के लिए अभूतपूर्व और आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण का बजट- श्री शिवराज सिंह
PIB Delhi— केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वित्त मंत्री द्वारा आज संसद में प्रस्तुत आम बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि यह बजट देश के 140 करोड़ भारतीयों के लिए अभूतपूर्व और आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण का बजट है। इसमें कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए इन क्षेत्रों के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को किसानों व ग्रामीणों की ओर से धन्यवाद दिया है। यह सम्पन्न, समृद्व, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण का बजट है। इस बजट में समाज के हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा गया है। यह एक दूरदर्शी बजट है। इसमें हर क्षेत्र को कवर किया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि इस बजट में ग्रामीण विकास के लिए 1 लाख 88 हजार 754 करोड़ 53 लाख रुपए वर्ष 2025.26 के लिए अब तक का सर्वाधिक आबंटन है। इससे पहले 1 लाख 77 हजार करोड़ रूपये का बजट आंबटित हुआ था। मनरेगा के लिए 86 हजार करोड़ रूपये का प्रावधान हुआ है जोकि ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने का सबसे बड़ा साधन है। प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि हरेक के लिए पक्का मकान हो। ग़रीबों के पक्के घर बनाने के लिए इस साल बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 54 हजार 832 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है जो कि अब तक का सर्वाधिक आबंटन है। उन्होंने कहा कि आवास के अतिरिक्त ग्रामीण ग़रीबी दूर करने के लिए सबसे सशक्त माध्यम महिला सशक्तिकरण है। महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम से यह काम चल रहा है। 3 करोड़ लखपति दीदी में से 1 करोड़ 15 लाख से ज़्यादा दीदीयां लखपति दीदी बन चुकी हैं। इसी काम को आगे बढ़ाने के लिए बजट में 19 हजार 5 करोड़ रूपये देने का प्रावधान किया गया है जोकि अब तक का सर्वाधिक आबंटन है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी है कि हम महिलाओं के सशक्तिकरण व ग़रीबी दूर करने के लिए एक और कदम आगे बढ़ने वाले हैं। अब कोई भी बहन, महिला या उनका समूह कोई बड़ी उद्यमी बनें इस दिशा में कदम उठाये जा रहे हैं। इसके लिए हमारी कोशिश है कि ग़रीबी मुक्त भारत के लिए ग़रीबी मुक्त गांव हो। कोई भी गांव आजीविका से जुड़े बिना ना रहे। ग्रामीण संपन्नता और रेजिलिएंस कार्यक्रम (रुरल प्रॉस्पेरिटी एंड रेजिलिएंस प्रोग्राम) (RPRP) कार्यक्रम की भी घोषणा की है। इसके लिए हम ग्रामीण बहनों, युवाओं, किसानों और भूमिहीन भाई-बहनों को जोड़कर अनेकों कदम उठायेंगे। ग़रीबी मुक्त भारत के लिए ग़रीबी मुक्त गांव का ही संकल्प है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत हम उसकी पहल करेंगे और इस कार्यक्रम को गति देने के लिए आरसेती – RSETI के नेटवर्क को कौशल विकास को ज़िले से ब्लॉक स्तर तक ले जायेंगे। बजट में ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की भी घोषणा की गई है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का क्रेडिट स्कोर घोषित होगा तो उनको आसानी से बैंकों से अधिक लोन मिल सकेगा। बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए लगभग 19 हजार रूपये का प्रावधान किया गया है।
श्री चौहान ने कहा कि आज भी कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों के कल्याण और खेती के विकास पर बजट में सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए वरदान है। किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत ऋण की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रूपए किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास दर को बढ़ाने में हार्टिकल्चर का बहुत योगदान है। किसान क्रेडिट कार्ड में जो प्रावधान किया गया है उसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना प्रारंभ की जाएगी, जहां कृषि उत्पादकता कम है, ऐसे 100 जिलों में कम उत्पादकता के कारणों का पता करेंगे। बीज, कीटनाशक, उवर्रक जैसे बेहत्तर इनपुट कैसे और कितना डालें इसके लिए भी किसानों को गाइड किया जायेगा। पानी का कुशल प्रबंधन, फसल का विविधिकरण, प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस की चेन, ऋण आदि से ना केवल कृषि की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि ऐसे ज़िलों में लगभग 1 करोड़ 70 लाख किसानों की आय वृद्वि का कारण बनेगी व फसल के बाद नुकसान भी कम होंगे आदि के प्रयत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में अच्छी उपज देने वाले बीजों के लिए वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय बीज मिशन की घोषणा की है। आईसीएआर जलवायु परिवतर्तन में भी अच्छा उत्पादन करने वाले बीजों को जल्दी ही किसानों के लिए लाने का प्रयास करेगा। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि कपास उत्पादन के मिशन शुरू करने की घोषणा भी बजट में की गई है। कपास का न सिर्फ उत्पादन बढ़ाना है बल्कि गुणवत्ता भी बढानी है। लम्बे रेशे वाला उच्च गुणवत्ता वाला कपास पैदा हो इसके लिए फाइबर प्रोसेसिंग और इन्फ्रास्टक्चर में सुधार व सस्टेनेबल फाइबर को बढ़ावा देने का प्रयास किया जायेगा।
श्री शिवराज सिंह ने मखाना के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड का गठन करने के निर्णय का स्वागत किया। श्री चौहान ने कहा कि फल और सब्जियों की उत्पादन और उपभोक्ता के बीच कीमत के अन्तर को कम करने का प्रयास करेंगे। कृषि विभाग ने उसके लिए अनेकों कदम उठाये जाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने समग्र विकास की बात आज बजट में की है। उन्होंने कहा कि बागवानी के उत्पादन की गति को भी बढ़ाना है। टीओपी यानि टमाटर, प्याज और आलू की फसलों के भी ठीक दाम मिले उसके भी प्रत्यन करेंगे। किसानों को फसलों के ठीक दाम मिल सकें इसके भी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयत्नों से कृषि में लगे करोड़ों किसानों की आय बढ़ेगी। श्री चौहान ने कहा कि दालों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए कदम उठाने का ऐलान बजट में किया है। इस मिशन के अर्न्गत अनेंकों कदम उठायेंगे। इस मिशन के अन्तर्गत नैफेड जैसी एजेंसी के माध्यम से तुअर, मसूर, उड़द जितनी पैदा करेंगे उसे पूरा एमएसपी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे। भारत दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा यह मानना है कि ग्रामीण भारत से ग़रीबी दूर करने के लिए यह बजट बहुत प्रभावी उपकरण सिद्व होगा। यह बजट ग्रामीण भारत की तस्वीर भी बदलेगा और किसान की तकदीर भी बदलेगा।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री भागीरथ चौधरी और कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्रालय के उच्च अधिकारी प्रेसवार्ता के दौरान शामिल रहे।