• November 16, 2021

बिहार मेँ 15 साल की उम्र से ऊपर के 15.5 प्रतिशत लोग शराबी —नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

बिहार मेँ 15 साल की उम्र से ऊपर के 15.5 प्रतिशत लोग शराबी —नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे

बरामदगी में टॉप 5 जिले

वैशाली, पटना, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद व मधुबनी। एनसीबी के पास गांजा, भांग, अफीम, चरस, हेरोइन व दूसरे नशीले ड्रग्स की जब्ती का अलग रिकॉर्ड है।

पटना (बिहार )— शराबबंदी के साथ नशेड़ियों-शराबियों के इलाज और उनकी नशे की आदत छुड़ाने के लिए राज्य भर में खुले ‘नशा विमुक्ति केंद्र’ लगभग बंद हो गए हैं।

दिसंबर 2020 में आई नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 15 साल की उम्र से ऊपर के 15.5 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं। ऐसे में जहरीली शराब से बीच-बीच में होने वाली मौतों की एक वजह यह भी हो सकती है कि एक तरफ लोगों ने पूर्ण रूप से शराब पीनी छोड़ी नहीं है, वहीं नशा विमुक्ति केंद्र भी बंद हैं।

यह जानलेवा कंट्रास्ट (विरोधाभास) शराबबंदी की पूर्ण कामयाबी की बहुत बड़ी बाधा है।

मधुबनी : नशा मुक्ति केंद्र बन गया कोरोना आइसोलेशन वार्ड

मधुबनी सदर अस्पताल में खुले नशा मुक्ति केंद्र का 2018 तक अस्तित्व समाप्त हो गया। 2020 के कोरोना काल में यहां आइसोलेशन वार्ड व जांच केंद्र बना। सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. कुणाल कौशल कहते हैं-’फिलहाल, ओपीडी में काउंसिलिंग होती है।’

बेतिया: मरीज नहीं आए तो सेंटर को बंद कर दिया गया

जीएमसीएच (बेतिया) का नशामुक्ति केंद्र 2019 तक चला। 300 मरीज एडमिट हुए। 18 कर्मियों की तैनाती हुई थी। इनमें काउंसिलर, मोटिवेटर व अन्य कर्मी थे। मरीजों के नहीं आने से केंद्र बंद हो गया।

किशनगंज: इलाज के लिए सिलीगुड़ी जाते हैं लोग

2017 में किशनगंज सदर अस्पताल में बना नशा मुक्ति केन्द्र बंद हो चुका है। इसमें कोविड आइसोलेशन वार्ड बना। सिविल सर्जन डॉ.श्रीनंदन के अनुसार फिलहाल नशामुक्ति केंद्र बंद है। आगे जो निर्देश होगा, वैसा किया जाएगा। नशेड़ियों के परिजन, सिलिगुड़ी के निजी नशा मुक्ति केंद्र में इलाज को विवश हैं।

समस्तीपुर: नशा विमुक्ति केंद्र पर लगा एईएस और कालाजार वार्ड का स्टिकर

समस्तीपुर सदर अस्पताल के दो कमरों के गेट पर नशा मुक्ति केंद्र का बोर्ड लगा। यहां अभी तक 8 मरीजों का इलाज हुआ। पिछले दो सालों में एक भी मरीज नहीं पहुंचा। अब इस बोर्ड पर एईएस,जेई व कालाजार वार्ड का स्टिकर साट दिया गया है।
10 माह में धंधेबाजों पर नकेल का असर

49900 मामले दर्ज हुए इस साल जनवरी से अक्टूबर तक शराबबंदी कानून तोड़ने के तहत
3872645 लीटर कुल शराब जब्त। 62140 लोग पकड़ाए। 1590 दूसरे राज्यों के हैं।
12200 वाहन जब्त हुए। पुलिस, शराब बरामदगी की रैंकिंग करने लगी है।

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