- November 26, 2018
बिहार पवेलियन को उत्कृष्ट साज-सज्जा एवं प्रदर्शन के लिए पुरस्कार
नई दिल्ली———- नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 38वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन इस साल भी पुरस्कृत किया जायगा।
पिछले 38 वर्षों से हो रहे इस आयोजन में वर्ष 2014 में उत्कृष्ट साज-सज्जा के लिए एवं वर्ष 2015 एवं 2016 में स्वच्छता के लिये बिहार को गोल्ड अवार्ड प्राप्त हुआ था। आईटीपीओ ने बिहार सरकार को इस साल भी पवेलियन को उत्कृष्ट साज-सज्जा एवं प्रदर्शन के लिए श्रेणी में अवार्ड मिलने का विधिवत पत्र भेज दिया है।
पुरस्कार 27 नवम्बर को प्रगति मैदान स्थित हंसध्वनी थियेटर में केंद्रिय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु द्वारा दिया जाएगा। राज्य के प्रमुख तीन कलाओं मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग एवं टिकुली कला ने बिहार को एक बार फिर गौरवान्वित किया है|
पुरस्कार बिहार के उद्योग विभाग के निदेशक पंकज कुमार सिंह, उप निदेशक उमेश सिंह एव उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसन्धान संसथान के उप निदेशक श्री अशोक कुमार सिन्हा संयुक्त रूप से ग्रहण करेंगे|
पांचवीं बार उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान को बिहार पवेलियन सजाने संवारने के लिए नियुक्त किया गया है|
श्री जय कुमार सिंह, माननीय उद्योग मंत्री, बिहार सरकार ने 38वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार पवेलियन को पुरस्कृत किये जाने पर प्रसंन्नता जाहिर की और आई टी पी ओ को शुक्रिया अदा किया एवं पवेलियन में जीवंत प्रदर्शन कर रहे कलाकारों की हौसलाअफजाई की|
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सभी क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, हस्तशिल्प के क्षेत्र में भी बिहार प्रगति की ओर अग्रसर है यह पुरस्कार उसी का सूचक है|
उद्योग निदेशक, बिहार सरकार श्री पंकज कुमार सिंह ने भी पुरस्कार मिलने पर ख़ुशी जाहिर की है और कहा कि यह बिहार के लिए बड़े गौरव की बात है की 38वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में पवेलियन को उत्कृष्ट साज-सज्जा एवं प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है|
उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान के उप निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार मंडप को इस वर्ष प्रगति मैदान के हाल नं 12 में आई.टी.पी.ओ. द्वारा इस वर्ष मेले की थीम ‘‘रूरल ईटरप्राइजेज ऑफ इंडिया” के अनुरुप नायाब रूप दिया गया है। बिहार को इस वर्ष मात्र 133 वर्ग मीटर जगह ही आवंटित हुआ था|
इतने कम में हीं बिहार पवेलियन को मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग एवं टिकुली कला से खूबसूरती से सजाया गया है|
पवेलियन के अग्र भाग में मधुबनी पेंटिंग मंजूषा पेंटिंग एवं टिकुली कला से तैयार 32 पैनलों का प्रयोग किया है एवं मुख्य भाग में उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंघान संस्थान द्वारा सिक्की क्राफ्ट, मंजूषा पेंटिंग एवं टेराकोटा कला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस वर्ष मेले में बिहार पवेलियन के अन्दर एप्लिक, सजनी कला, टिकुली पेंटिंग, हैंडलूम, मधुबनी पेंटिंग एवं मंजूषा पेंटिंग कलाओं के सात स्टाल लगाये गये थे एवं इनमें रिकार्ड बिक्री भी हुई है|
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