- April 30, 2017
बिहार पर माया- वरिष्ठ व ज़िम्मेवार पदाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा
नई दिल्ली, 30 अप्रैल, 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती ने बिहार राज्य में पार्टी संगठन की तैयारियों के साथ-साथ सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के सम्बन्ध में वहाँ के वरिष्ठ व ज़िम्मेवार पदाधिकारियों एवं प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ आज यहाँ बैठक कर समीक्षा की तथा संगठन को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त करने के लिये दिशा-निर्देंश दिये। बी.एस.पी. केन्द्रीय यूनिट की ओर से बिहार में तैनात प्रभारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
बिहार में भी दूसरे राज्यों की तरह ही खासकर दलित समाज के लोगों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत काफी दयनीय है।
उनके पास ना तो स्थायी रोजगार है और ना ही खेती के लिये जमीन। ज्यादातर लोग मजदूरी पर ही आश्रित है तथा अन्याय व शोषण का शिकार हैं।
बिहार की राजनीति में भी दलितों का स्थान व महत्व बहुत ही कम है, जिस कारण दलित समाज के लोग हर स्तर पर उपेक्षा के शिकार हैं।
सुश्री मायावती ने हर प्रकार का राजनीतिक फीडबैक प्राप्त करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के जीत के बाद प्रदेश के हालात में अपेक्षित सुधार नहीं है बल्कि स्थिति लगभग पहले जैसी ही खराब बनी हुई है।
उन्होंने बिहार के लोगों से कहा कि कैडर मीटिंगों के जरिये संगठन को मजबूत बनाने का प्रयास करें और राजनीतिक चेतना जगाने के साथ-साथ इस बारे में दलित व अन्य पिछड़े वर्ग में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों द्वारा आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के संघर्षों को अपना मिशनरी लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने का प्रयास करें।
वर्तमान में जो विरोघी राजनीतिक दल हैं उनका गरीबों, दलितों, पिछड़ों व अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगं से प्रेम केवल दिखावटी, बनावटी व स्वार्थपूर्ण है, जिससे सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति की अच्छी उम्मीद कतई भी नहीं की जा सकती है। गरीबों, मजदूरों, दलितों व पिछड़ों आदि को अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ानी होगी तभी उनका विकास व कल्याण संभव है।
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