- November 21, 2019
बिहार दिवस—- प्रत्येक व्यक्ति को गरीबी और अभाव से मुक्त करना है— श्याम रजक
60 स्टार्टअप को 5 करोड़ की राषि विमुक्त की गयी है तथा 84 लाख रूपये 42 स्टार्टअप इन्क्यूबेषन संस्थान को दिया गया है-
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नई दिल्ली———– 39वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला के में बिहार दिवस के दिन आज बिहार सरकार के उद्योग विभाग के उद्योग मंत्री श्री श्याम रजक ने पवेलियन का उद्घाटन किया और उन्होंने पवेलियन का परिभ्रमण भी किया। बिहार पवेलियन में लगे सभी स्टालों के हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा उत्पादों का माननीय उद्योग मंत्री ने जमकर तारीफ किया। यहा पर चल रहे टेराकोटा, टिकुली, सिक्की एवं स्टोन क्राफ्ट के लाइव डेमो को देख उद्योग मंत्री काफी खश हुए एवं इन सभी कलाकारों की जमकर सराहना एवं उत्साहवर्धन किया।
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए मुझे अपार खुशी हो रहा है। इस समारोह में बिहार प्रदेश से आए हुए लोगों को मैं राज्य दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। इस अवसर पर बिहार सरकार के उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, उद्योग विभाग के निदेश पंकज कुमार सिंह, उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिन्हा, बिहार सूचना केंद्र के सहायक निदेशक लोकेश कुमार झा एवं बियाडा के पदाधिकारी सहित कई लोग मौजूद रहे।
बिहार दिवस पर प्रगति मैदान के हंसध्वनि थियेटर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक संगीत के गायक एवं गायिकाओं ने अपनी प्रस्तुति से बिहार दिवस के सांस्कृतिक संध्या को यादगार बना दिया। उषा कुमारी एवं नीतु कुमारी ने जहां अपनी गायिकी से लोगों का दिल जीत लिया वहीं सतेंद्र कुमार व अमर आनंद के ग्रुप की लोक नृत्य ने लोगों का मन मोह लिया
श्री रजक ने कहा कि बिहार सरकार का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को गरीबी और अभाव से मुक्त करना है एवं 65 प्रतिशत युवा आबादी वाले युवा राज्य को रोजगार की बेहतर अवसर दिलाना है। इसलिए हमारी सरकार ने औद्योगिक नीति 2016 बिहार स्टार्टअप नीति 2017 सहित कई योजना चालू किए हैं। नई सोच औऱ नए आईडिया वाले उद्यमियों को उद्योग विभाग की नीतियों का साथ मिल रहा है जिससे बिहार औद्योगिक संभावनाओं के लिहाज से भारत की सिरमौर अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
श्रीरजक ने कहा कि यातायात एवं बिजली उपलब्धता के मामले में आज बिहार अग्रणी राज्यों के श्रेणी में आ चुका है जिस कारण से कभी यहां बिजली एवं यातायात की असुविधा के कारण निवेश से कतराने वाले निवेशक बिहार में निवेश करने के लिए आज काफी उत्साह दिखा रहे हैं एवं निवेश कर रहे हैं।
बिहार का कुल जनसंख्या का अच्छा खासा हिस्सा युवावों का है। बिहार में प्रचुर संसाधन है। यहाँ के युवावों में प्रतिभा है कि किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सके। राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। राज्य उद्योग एवं उद्यमिता के विकास के लिए अग्रसर है। सरकार द्वारा किये गये नीतिमूलक निर्णय के फलस्वरूप राज्य के औद्योगीकरण की नीति तीब्र हुयी है। औद्योगिक निवेष को सुगम बनाने हेतु संस्थागत सुदृढ़ीकरण किया गया है। सभी प्रकार के क्लियरेंस, अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि के लिए आॅन लाईन क्लियरेंस पोर्टल की व्यवस्था की गयी है।
राज्य के अनु0जाति/जनजाति प्रक्षेत्र के युवा/युवतियों को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापना हेतु प्रोत्साहित करने के उदेष्य से मुख्यमंत्री अनु0जाति/अनु0जनजाति उद्यमी योजना 17.05.2018 से लागू की गयी है। इस योजना में अबतक 4800 आवेदकों का चयन किया गया है, 3658 आवेदकों को स्वीकृत किया गया है, 3641 आवेदकों को प्रथम किस्त की राषि 93.76 करोड़ रू0 का भुगतान किया जा चुका है तथा इस योजना के तहत 5.5 करोड़ रूपये प्रषिक्षण पर व्यय किया जा चुका है।
राज्य में त्वरित औद्योगिक विकास के लिए बिहार औद्योगिक निवेष प्रोत्साहन नीति, 2016 01सितम्बर 2016 से लागू की गयी है। इस नीति अंतर्गत प्राथमिक प्रक्षेत्र यथा-खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन, लघु मषीन निर्माण, सूचना प्रावैधिकी, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्राॅनिक हार्डवेयर, प्लास्टिक एवं रबर, चमड़ा, स्वास्थ्य सेवायें, गैर पारंपरिक उर्जा, वस्त्र एवं तकनीकी षिक्षा आदि है। इसके अलावा उच्च प्राथमिकता वाले प्रक्षेत्र के लिए भी विषेष सुविधाएँ प्रदान की जाती है।
उच्च प्राथमिकता में ई0एस0डी0एम0 टेक्सटाइल एवं आई0टी0 एण्ड आई टीज सेक्टर तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को रखा गया है। सिंग्ल विण्डो सिस्टम के तहत आॅन लाइन आवेदन पत्र प्राप्त किया जा रहा है तथा उसकी स्वीकृति राज्य निवेष प्रोत्साहन पर्षद से की जाती है। अभी तक राज्य निवेष प्रोत्साहन पर्षद से 1134 आवेदन पत्र स्टेज वन पर सहमति मिली हुयी है। इसपर प्रस्तावित पूँजी निवेष 16144.45 करोड़ है तथा 275 प्रस्ताव का वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस स्वीकृत हो गया है जिसमें 2177.00 करोड़ रूपये का निवेष शामिल है। 190 इकाईयाँ कार्यरत है। इसमें 1538.52 करोड़ रूपये का निवेष हो चुका है तथा 5049 लोगों का रोजगार सृजन हुआ है।
राज्य सरकार द्वारा राज्य में युवावों के उद्यमिता को बढ़ाने के लिए बिहार स्टार्टअप नीति, 2017 लागू की गयी है। जिसमें अबतक 70 आवेदकों का चयन किया गया है। जिसमें से 60 स्टार्टअप को 5 करोड़ की राषि विमुक्त की गयी है तथा 84 लाख रूपये 42 स्टार्टअप इन्क्यूबेषन संस्थान को दिया गया है।
उद्योग विभाग, बिहार सरकार के अधीनस्त उपेन्द्र महारथी षिल्प अनुसंधान संस्थान, पटना के माध्यम से राज्य में हस्त षिल्प के विभिन्न विधाओं का विकास, प्रषिक्षण, प्रचार-प्रसार, विपणन, अनुरक्षण, नये-नये नमूना का डिजाइन का निर्माण, उच्च प्रषिक्षण हेतु राज्य के षिल्पियों को राज्य से बाहर अध्ययन, प्रषिक्षण एवं शोध हेतु संस्थान द्वारा हस्तषिल्प के क्षेत्र में निम्नांकित योजनाएँ विगत वर्षों से चलायी जा रही है।
संस्थान द्वारा राज्य पुरस्कार चयन हेतु प्रतियोगिता की जाती है। मंजूसा महोत्सव का आयोजन भी किया जाता है जिसमें बिक्री एवं प्रदर्षनी के लिए राज्य के उत्कृष्ट हस्तषिल्पियों एवं बुनकरों को निःषुल्क स्टाॅल आवंटित किया जाता है। क्रेता-बिक्रेता का भी आयोजन किया जाता है।
हस्तषिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु मेला प्रदर्षनी का भी आयोजन किया जाता है। भारत सरकार वस्त्र मंत्रालय के आई0डी0पी0एच0 योजनान्तर्गत राज्य के 15 स्थलों पर 15 करोड़ की लागत से हस्तषिल्प के क्षेत्र में सामान्य सुविधा केन्द्र का निमार्ण कराया जा रहा है। क्राफ्ट एक्सचेंस प्रोग्राम भी कराया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 में राज्य के बेरोजगार युवा/युवतियों को विभिन्न ट्रेडों में कौषल विकास मिषन के तहत 8391 प्रषिक्षणार्थियों को प्रषिक्षण कराने का समय निर्धारित किया गया है जिसपर 2502.00 लाख की राषि की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
राज्य में अवस्थित खादी ग्रामोद्योग संस्था/समिति के लिए बिहार सरकार द्वारा खादी पुर्नद्धार योजना लागू की गयी है। बिहार में खादी तथा ग्राम स्वराज की कल्पना को आगे बढ़ाने के लिए इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में विषेष तौर पर महिलाओं को प्रषिक्षण देकर रोजगार एवं अन्य नये अवसर सृजित किये जा रहे है। पटना में भारत में पहला एवं सबसे बड़ा खादी माॅल का शुभारंभ किया गया है।
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