- May 16, 2022
बिहार :: जातीय जनगणना पर सियासी संग्राम
पटनाः — बिहार में जातीय जनगणना पर सियासी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ इस मुद्दे पर विपक्ष नीतीश सरकार को घेर रही है. वहीं सरकार के गठबंधन दलों में जदयू और भाजपा के सुर इस मामले में अलग-अलग हैं. हाल ही में जातीय जनगणना को लेकर पटना से दिल्ली तक की यात्रा की घोषणा के बाद तेजस्वी यादव सीएम नीतीश कुमार से मिले थे और इसके बाद उनसे आश्वासन मिलने पर अपनी यात्रा का टाल दिया. अब इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पहले बुलाएंगे सर्वदलीय बैठक, फिर लेंगे निर्णय
बता दें कि जदयू ने इसको लेकर अपना मत पहले ही स्पष्ट कर दिया है लेकिन पेंच फंसा है भाजपा के निर्णय की वजह से. अब इस मामले पर नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि इसको लेकर जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी और इसके बाद ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा. नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए काह कि इसके लिए सबी दलों के नेताओं की राय ली जाएगी इसके बाद ही इस मामले में आगे कदम बढ़ाया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि वह और उनकी पार्टी हमेशा से जातिगत जनगणना के पक्ष में है ऐसे में सर्वदलीय बैठक में जो सुझाव आएंगे उसी के आधार पर इसे कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा.
कैबिनेट से मिली मंजूरी तो शुरू होगा आगे का काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके साथ ही स्पष्ट कहा कि सर्वदलीय बैठक में आए सुझावों के आधार पर ड्राफ्ट तैयार कर इसे कैबिनेट से मंजूरी के लिए बढ़ाया जाएगा, वहां से मंजूरी मिलने के बाद इस पर आगे काम शुरू किया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को भी उचित दिशा निर्देश दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने भी उनसे इस मामले पर मुलाकात की थी और उन्हें भी सभी बातों से अवगत करा दिया गया था और वह भी इससे संतुष्ट थे.
क्यों हो रही इसमें देरी,
इसमें हो रही देरी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कई कारणों से यह टाला जाता रहा है. कोरोना संक्रमण का दौर होने के साथ ही बीच-बीच में होनेवाला चुनाव इसकी राह में बाधक बना है. उन्होंने कहा कि अगर ये सब नहीं होता को सर्वदलीय बैठक अभी तक हो चुकी होती.