बाहर से आने वाले हर व्यक्ति का क्वारेंटाइन जरूरी ः जिला कलेक्टर

बाहर  से आने वाले हर व्यक्ति का क्वारेंटाइन जरूरी ः जिला कलेक्टर

राजस्थान-सरकार
सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय,सीकर
————

सीकर —— जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश के बाहर से सीकर जिले में आने वाले हर व्यक्ति की 14 दिनों के होम क्वारेंटाइन का पालना करना जरूरी है। इसके लिए सभी अधिकारी व कर्मचारी संक्रिय रह कर कार्य करें तथा मीडिया कर्मी इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करें।

गुरूवार को अपने चैम्बर में मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुये जिला कलेक्टर ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि क्वारेंटाइन पीरियड सजा नहीं सुरक्षा का मामला है। इसमें लापरवाही से परिवार, समाज , क्षेत्र व प्रदेश को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि जिले के सैकडों प्रवासी श्रमिक व अन्य लोग राज्य के बाहर से जिले में आ रहे है।

उन्होंने कहा कि सरकार और चिकित्सा विभाग जिला स्तर पर क्वारेंटाइन फैसेलिटी को विकसित और मजबूत करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे है।

बाहर से आने वाले सभी लोगों का जिले में स्वागत करें, लेकिन उनके गांव -मोहल्लो में जाने से पहले क्वारेंटाइन पीरियड का पालन करवाना सुनिश्चित करें, ताकि जिले में पिछलें 50 दिनों से घरों में रह रहें लोग संक्रमण से बचे रहें।

उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को होम या इंस्टीट्यूशनल क्वारेंटाइन में 14 दिन बिताकर गांव-शहर में आना सुनिश्चित करें।

जिला कलेक्टर ने कहा कि कोविड -19 के संदिग्ध या रोगी के साथ अच्छा व्यवहार करना चहिए। उन्होनें कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में इन दिनों जो नये प्रवासी आ रहे है।

उनकी जानकारी बीएलओ , पटवारी, एसएचओ, उपखण्ड अधिकारी, सरपंच, जनप्रतिनिधि, नियंत्रण कक्ष को देवें। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले प्रवासियों की सूचना देने के लिए सभी जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन के साथ मिलकर सूचना तंत्र को विकसित करवाने में सहयोग करें ताकि जिले वासियों को कोरोना जैसी महामारी से बचाया जा सके।

जिला कलेक्टर ने होम क्वारेंटाइन पम्पलेट का विमोचन ः

जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने इस दौरान होम क्वारेंटाइन पम्पलेट का विमोचन किया। उन्होंने बताया कि जो भी व्यक्ति बाहर से आयेगा उसकों 14 दिन होम क्वारेंटाइन में रहना होगा।

चिकित्सा विभाग को इसकी सूचना भी देनी होगी तथा उसके घर पर होम क्वारेंटाइन सांकेतिक (चिन्ह) का पम्पलेट भी चस्पा कर रहे है ताकि नागरिक को पता चल सके की इस घर में कोई व्यक्ति बाहर से आया है और उसकों होम क्वारेंटाइन के लिए पाबंद किया गया है।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply