बाल विवाह के खिलाफ करीब चार हजार मामले दर्ज 18 सौ से ज्यादा लोग गिरफ्तार

बाल विवाह के खिलाफ करीब चार हजार मामले दर्ज 18 सौ से ज्यादा लोग गिरफ्तार

असम सरकार ने राज्य में होने वाले बाल विवाह और नवजातों व माताओं की ऊंची मृत्यु दर पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाने का फैसला किया था. अब उस पर अमल करते हुए पुलिस ने बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी अभियान शुरू किया है. इसके तहत बाल विवाह के खिलाफ करीब चार हजार मामले दर्ज कर 18 सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और 14 से 18 साल तक की उम्र वाली लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, “असम सरकार राज्य में बाल विवाह की सामाजिक कुरीति को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प है. अब तक असम पुलिस ने राज्य भर में चार हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. इनमें सबसे अधिक 370 मामले धुबड़ी जिले में दर्ज किए गए हैं. उसके बाद होजई (255) और उदालगुड़ी (235) का नंबर है. गुवाहाटी पुलिस ने कम से कम 192 मामले दर्ज किए गए हैं.” सरमा का कहना था कि कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों को गिरफ्तार कर विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा. अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता.

असम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. असम सरकार के इस फैसले को भी धार्मिक नजरिए से देखा जा रहा है. इसकी एक वजह ये भी है कि असम पुलिस ने जिन इलाकों में बाल विवाह के मामले दर्ज किए हैं उनमें से ज्यादातर मुस्लिम-बहुल हैं. लेकिन मुख्यमंत्री की दलील है कि बाल विवाह के खिलाफ अभियान किसी खास तबके को निशाना बनाने के लिए शुरू नहीं किया गया है.

क्या था असम सरकार का फैसला

असम सरकार ने बीते दिनों पहले ही बाल विवाह करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया था. तब कहा गया था, “नाबालिग लड़की से शादी करना न केवल कानून के खिलाफ है. बल्कि यह लड़की के मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है. यह उसके स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है. ऐसी लड़कियों से शादी करने वालों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और बाल विवाह रोकथाम अधिनियम के तहत जेल की सजा होगी.”

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