• November 22, 2015

बाल अधिकार को पाठ्यक्रम – सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री

बाल अधिकार को पाठ्यक्रम  – सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री

जयपुर – सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों एवं कत्र्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए बाल अधिकारिता विभाग की पहल पर शिक्षा विभाग आगामी शिक्षा सत्र से बाल अधिकार को लेकर एक पाठ पाठ्यक्रम में शामिल करेगा।
डॉ. चतुर्वेदी शनिवार को बाल अधिकारिता विभाग द्वारा रविन्द्र मंच सभागार में राजस्थान बाल सहभागिता दिशा-निर्देश 2014 के तहत गठित चाईल्ड राइट कल्ब के साथ आयोजित “बाल संवाद” कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बाल अधिकार विषय को शिक्षा पाठ्यक्रम में जोडने की घोषणा के लिए शिक्षा राज्य मंत्री का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारिता विभाग द्वारा जिला मुख्यालय स्तर पर एक हजार 296 विद्यालयों के चाइल्ड राईट क्लब गठन करने के लिए चिन्हित कर 516 विद्यालयों में गठन किया जा चुका है तथा राज्य में विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में विद्यालयों के 5 लाख बच्चों को जोडने का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है।
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि राज्य की कुल जनसंख्या का 43 प्रतिशत जीरो से 18 साल तक की कम उम्र के बालक बालिकाओं की है। आने वाले समय में युवा भारत की तस्वीर होगी। जरूरत है समाज व सरकार को युवा पीढी को तराश कर देश के विकास में भागीदार बनायें। उन्होंने कहा कि इस काम में गुरू की ज्यादा भूमिका होती है क्योंकि बच्चे गीली मिट्टी का ढेला होता है, संस्कार देना गुरू का काम होता है। बच्चे गुरू की सीख व आचरणों को अपने जीवन में उतारते हैं।
डॉ. चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री के “बेटी बचाओं बेटी पढाओं” अभियान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षित बेटी दो परिवारों की सेवा करती है। उन्होंने कहा कि बचपन की अवस्था में बच्चों का शोषण एवं प्रताडित होने की अधिक संभावना रहती है। हमारे समाज में बच्चों को दुत्कार भेदभाव व शोषण का शिकार होना पडता है, इसलिए बचपन के समय बच्चों की ज्यादा देखभाल की आवश्यकता है।
बाल संवाद कार्यशाला में शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चे कोमल होते है उन्हें प्यार तथा स्नेह की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि बच्चों से स्कूल में नियमित प्यार से सवांद किया जाना चाहिए, क्योंकि संवाद नहीं होने के कारण बच्चे गलत रास्ते पर जा रहे है। उन्होंने कहा कि बच्चों को जैसा संस्कार, संरक्षण मिलेगा वैसा ही देश का विकास होगा। उन्होंने बच्चों के बाल विवाह, बाल श्रम, बाल शोषण व उनके प्रति अन्य अनुचित कार्यों के प्रति जागरूक कराने पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों में अध्यापक प्यार व स्नेह से अनुशासन लाने का काम करें।
शिक्षा राज्य मंत्री ने बाल संरक्षण अधिकारों के संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा आगामी शिक्षा सत्र से अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा करते हुए कहा कि यूनिसेफ, बाल अधिकारिता विभाग एवं शिक्षा विभाग बाल अधिकारों व संरक्षण पर मिलकर काम कर नये राजस्थान का निर्माण करेंगे।
इस अवसर पर यूनिसेफ के राजस्थान हेड श्री सेमुयल ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चों को बच्चा ही रहना है, अच्छे नागरिक को चाहिए की वे बच्चों के अधिकार दिलाने में सजगता से कार्य करें। बच्चों को चाहिए की आगे बढने का सपना देखें, सोचे और उस पर आगे बढऩे का प्रयास करें।
उन्होंने स्कूल के बाहर के बच्चों को भी चाईल्ड राईट क्लब से जोडने पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों को चाहिए चाईल्ड क्लब में होने वाली चर्चा को गांवों के बडे बुर्जुगों तक पहुंचाये।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री सुर्दशन सेठी ने कहा कि हमारा प्रयास होगा राज्य में बाल अधिकारों का पूरी तरह से संरक्षण हो।
कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए बाल अधिकारिता विभाग की निदेशक श्रीमती हंसा सिंह ने विभाग द्वारा बाल अधिकार व संरक्षण पर किये जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए बच्चों से कहा कि अपने साथ या आस-पास होने वाले शोषण की सूचना हैल्प नम्बर 1098 पर देवें।
इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षा के शासन सचिव श्री कुन्जीलाल मीना, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री अम्बरीष कुमार, जिलों से आये विभागीय अधिकारी विभिन्न जिलों से आये जिला एवं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एवं जयपुर, बीकानेर, जोधपुर समाज से आये सैकडों की संख्या में बच्चे उपस्थित थे।
बाल संवाद पुस्तक का विमोचन
इस अवसर पर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी एवं शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी व अन्य अधिकारियों ने बाल अधिकारिता विभाग द्वारा प्रकाशित बाल संवाद पुस्तिका का विमोचन किया।
डॉ. चतुर्वेदी ने दिलाया बाल संरक्षण एवं अधिकारों का संकल्प
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतर्वेदी ने चाईल्ड राईट क्लब कार्यशाला में उपस्थित सभी लोंगो को बाल अधिकारों एवं संरक्षण पर कार्य करने का संकल्प दिलाया।
उन्होंने बच्चों के अधिकारों सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति सजग, सावचेत रहकर सफल भारत निर्माण का संकल्प दिलाया
फिल्म प्रर्दशन
इस अवसर पर बाल श्रम पर आधारित “कब होगी सुबह हमारी” फिल्म का प्रर्दशन किया गया। जिसमें बच्चों को बाल श्रम से बचाकर शिक्षा के लिए प्रोत्साहन पर बल दिया गया।

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