- March 2, 2017
बात मुद्दों की :-जाति विशेष बहुतायत क्यों ?–शैलेश कुमार
गृहमंत्रालय संज्ञान लेकर रक्षामंत्रालय को नियंत्रित करें ,
हरियाणा , पंजाब, राजस्थान में जाट, सिख,राजपूत ,उत्तरप्रदेश और बिहार में ब्राह्मण और राजपूत की मौत ही क्यों ?
सैनिकों में यादव, मुस्लिम और दलितों की मौत क्यों नही ?? जाति विशेष बहुतायत क्यों ?
सैनिकों की चयन प्रक्रिया में घूसखोरी : चयन प्रक्रिया में भारी अनियमितता ?
गरीब और पैसाहीन छात्रों को छोटी -छोटी बातों पर अयोग्य करार दिया जाना।
मसलन दाद, खजुली और मौसमी खासी को लाइजाल बताया जाना ।
मुखिया या सरपंच के प्रमाण पत्र के बहाने उच्च अधिकारियों द्वारा निर्गत आवासीय प्रमाण पत्र को रदद् करार दिया जाना।
यहीं नहीं दौड़ में तो आँखों में धुल झोका जाता है।
पहुँच वाले छात्रों को अपने गाड़ियों में ले जाकर दौड़ के आधे रास्ते में छोड़ दिया जाना।
अगर पैसाहीन और पहुँच रहित छात्र किसी तरह सफल भी होता है तो उसे मेडिकल में छांट दिया जाना है।
मेडिकल में सौ बहाने है। जबकि असाध्य रोगों को ही अयोग्य करार दिया जाना
है।
अगर छात्र किसी तरह मेडिकल जांच में सफल भी हो जाता है तो उससे सीधे तौर पर एक मोटे रकम कि मांग की जाती है।
इस रकम के लिए पहुँच वाले को कुछ समय भी दिया जाता है। अगर समय देने पर भी जुगाड़ नहीं हो पाया तो उसे किसी न किसी बहाने निकाल दिया जाना है।
सैनिकों की बहाली क्या रेलवे और स्थानीय कमिशनरियोँ की तरह होनी चाहिए ?
चयन मंडल में उपरोक्त तथ्यों को खंडन करने की क्षमता है या वह डॉक्टर जो चयन मंडल में रहता है उसे खंडन करने की क्षमता है ???
पैसा न देने के कारण असफल रहे छात्र : अपनी बाते (छाया) navsancharsamachar.com के साथ साझां कर सकते है जिससे की कुछ हल ढूंढा जा सके —–