- August 3, 2015
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र : जिले में पहुंची छ: मेडिकल टीमें
जयपुर -जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाये गये चिकित्सकों एवं नर्सिंग कर्मियों के छ: दल जिले में पहुंच गये हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह देवल ने बताया कि जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को तेजी से सामान्य करने के लिए राज्य सरकार ने छ: चिकित्सा दलों को जालोर भेजा है। ये दल भीनमाल, रानीवाड़ा और सांचौर के खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के निर्देशन में कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि डॉ. मानवेन्द्र सिंह सोलंकी और डॉ. राजेश कुमार भीनमाल, डॉ. बी. आर. बराला रानीवाड़ा में अपनी सेवायें देंंगे। इसी प्रकार सांचौर-चितलवाना क्षेत्र के लिए डॉ. सावरमल बराला, डॉ. गिरधारी लाल जाट तथा डा. सुरेश कुमार यादव को लगाया गया है। सभी चिकित्सकों के साथ लगा नर्सिंग स्टाफ भी जालोर पहुंच गया है।
बाढ़ प्रभावितों को मिलेगी नरेगा से राहत
जिले में बाढ़ से प्रभावित ग्रामीणों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के माध्यम से राहत पहुचाई जायेगी।
जिला कलक्टर ने बताया कि अतिवृष्टि एवं बाढ़ से जिले में हुए व्यक्तिगत नुकसान का सर्वे ग्राम स्तरीय कमेटी के माध्यम से करवाया जायेगा। प्रत्येक ग्राम के प्रभावित व्यक्तियों की सूची कमेटी के द्वारा तैयार की जायेगी। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत जारी विभिन्न निजी लाभ की योजनाओं के दिशा निर्देशानुसार प्रभावित व्यक्तियों को लाभान्वित करने की कार्यवाही की जायेगी।
बाढ़ से हुई क्षति का होगा सर्वे, टीमेें गठित
जिले में बाढ़, अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक प्रकोप से हुई क्षति के आकलन के लिए जिले में टीमों का गठन किया गया है।
जिला कलक्टर (आपदा प्रबन्धन एवं सहायता) डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि जिले मेें बाढ़ और अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए टीमों के गठन के लिए समस्त उपखण्ड अधिकारियों, तहसीलदारों एवं विकास अधिकारियों को आदेशित किया गया है। ये टीमें ग्रामवार सर्वे करके अपनी रिर्पोट तैयार करेगी जिसे उपखण्ड स्तर पर अनुमोदन के पश्चात् सात दिवस में जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को भेजी जायेगी। उन्होंने बताया कि जिले में जन, धन एवं पशुधन के नुकसान की विस्तृत रिर्पोट आपदा प्रबन्धन एवं सहायता विभाग, राजस्थान सरकार, गृह मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के द्वारा जारी नियमानुसार तैयार की जायेगी।
उन्होंने बताया कि टीम द्वारा बाढ़ एवं अतिवृष्टि से प्रभावित व्यक्ति को हुई अनुमानित क्षति का चैक लिस्ट के माध्यम से आकलन किया जायेगा। इसके आधार पर अनुग्रह सहायता, कृषि फसल क्षति, पशु क्षति, शिल्पकारों-बुनकारों को औजारों की क्षति, मकान क्षति एवं तत्काल सहायता का आकलन किया जायेगा। जिला कलेक्टर ने बताया कि सर्वे का कार्य नियमानुसार एवं अत्यन्त संवेदनशीलता के साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए किया जाएगा। सर्वे में शिथिलता एवं अनियमितता पाये जाने पर सम्बन्धित के विरूद्घ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उचित मूल्य की दूकानें रहेगी खुली
जिले में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से बीपीएल एवं उसके समकक्ष जन को राहत पहुंचाने के लिए उचित मूल्य की सभी दुकानों रविवार से खुलवा दिया है।
जिले के सभी उचित मुल्य की दुकानों को राशन सामग्री वितरण के लिए रविवार से खुलवा दिया है। उन्होंने बताया कि उचित मूल्यों की दुकानों से गेहुं तथा केरोसीन का वितरण किया जा रहा है। प्रति माह उपभोक्ता पखवाड़े के दौरान वितरण होने वाला राशन उचित मूल्य की दुकानों पर अतिवृष्टि के कारण रविवार दो अगस्त से शुरू किया गया है। दुकानें प्रात:नौ बजे से सायं पांच बजे तक भोजनावकाश के अतिरिक्त खुली रहेगी।
जिले में हालात हो रहे सामान्य
जिले में अतिवृष्टि और बाढ़ के पश्चात् पिछले 24 घण्टों में बारिश रूकने तथा राहत कार्य में तेजी से हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं।
जिला कलेक्टर ने बताया कि जिले में अधिकतर स्थानों से पानी उतर चुका है। रविवार तक प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग तथा जन सहयोग से 66 अवरूद्घ रास्तों पर यातायात बहाल किया जा चुका है। शेष मार्गों को पानी उतरने साथ ही ठीक करके खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रविवार को सांसद श्री देवजी पटेल और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जवाहर चौधरी के साथ निम्बाउ और आकोली ग्रामों से जल निकासी का जायजा नावों से लिया और जल निकासी के कार्य में तेजी लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिये। इन स्थानों पर विद्यालयों में अध्ययन शुरू करवाने के लिए भी निर्देश दिये गये। साथ ही इन गांवों के 30 परिवारों को राहत सामग्री भी वितरित की गई। जिले में अन्य स्थानों पर भी विभिन्न माध्यमों से प्राप्त सूखे राशन, चावल, आटा, दाल एवं बिस्कुट वितरित किये जा रहे हैं।
जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग द्वारा सांचौर शहर की पेयजल व्यवस्था के लिए रोजाना करीब तीस टैंकर पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 के पुुल पर आठ इन्ची पाईप लाईन मी मरम्मत का कार्य पूर्ण हो गया है। जसवन्तपुरा और रामसीन में स्थानीय जल स्त्रोतों से पेयजन सप्लाई शुरू की गई तथा भीनमाल और रानीवाड़ा में आपूर्ति पूर्ववत बहाल हो गई है। जोधपुर डिस्कॉम के अधिक्षण अभियन्ता एम. एल. मेघवाल ने बताया कि जिले में 33/11 केवी के कुल 198 जीएसएस के माध्यम से 612 गांवों में विद्युत व्यवस्था सामान्य हो गई है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. एस. के. अग्रवाल ने बताया कि जिले के बाढग़्रस्त क्षेत्रों में रविवार को 42 शिविर लगाकर 6474 पशुओं का उपचार किया गया। इन शिविरों में 1159 गौवंश, 588 भैंसों, 3948 भेड़ों, 760 बकरियों,14 उंटों तथा 5 अन्य पशुओं को दवा प्रदान की गई।
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