- November 7, 2015
‘बाघ संरक्षण बल” : विस्थापित परिवारों के पुर्नवास एवं रिलोकेशन पैकेज में वृद्धि की जावें
जयपुर -खान, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री श्री राजकुमार रिणवा ने केन्द्र सरकार से राजस्थान के बाघ परियोजना क्षेत्रों के कोर ऐरिया में स्थित गांवों के निवासियों के पुनर्वास और स्थानांतरण के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 से लागू 10 लाख रुपये प्रति परिवार पैकेज की राशि में वृद्धि कर इसे रणथम्भौर के लिए 20 लाख एवं सरिस्का के लिए 30 लाख प्रति परिवार करने का सुझाव दिया है, ताकि टाईगर रिजवे क्षेत्र में निवास करने वाले ग्रामीणों को जल्द बेहतर सुविधाओं के साथ पुर्नवासित किया जा सकें।
श्री रिणवा ने शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण भवन में केन्द्रीय वन एंव पर्यावरण राज्यमंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के वन एवं पर्यावरण मंत्रियों की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा बाघ अभ्यारण्यों से पुर्नवास एवं स्थानांतरण के लिए लागू पैकेज का वर्तमान परिस्थितियों में अपर्याप्त बताते हुए इसमें वृ्द्धि की मांग रखी।
बाघ परियोजना रणथम्भौर एवं सरिस्का में विशेष बाघ संरक्षण बल के गठन हेतु सहायता
श्री रिणवा ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा रणथम्भौर बाघ परियोजना में ”विशेष बाघ संरक्षण बल” के गठन हेतु एन.टी.सी.ए. को वार्षिक कार्य योजना में 597.13 लाख रुपये के प्रस्ताव भेजे गये है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जल्द स्वीकृति प्रदान की जाये। इसी तरह सरिस्का में ‘बाघ संरक्षण बल” के गठन के लिए राज्य सरकार द्वारा एम.ओ.यू. का प्रस्ताव भी ए.टी.सी.ए. को प्रेषित किए जा चुके हैं। जिसे शीघ्र मंजूर किया जाना चाहिए।
उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा रणथम्भौर टाईगर रिवर्ज के बफर क्षेत्र आमली में टाईगर सफारी कम रेस्क्यू सेन्टर के निर्माण हेतु एन.जी.टी.ए. को 118.65 करोड़ रूपये (प्रति वर्ष) के प्रस्ताव एन.जी.टी.ए. को प्रेषित किये गये है। जिन की मंजूरी की कार्यवाही यथाशीघ्र की जाए। उन्होंने द्वारा रणथम्भौर बाघ परियोजना में ग्रामीणों के पुर्नवास हेतु एन.टी.सी.ए. को भेजे गये 3543.31 लाख रुपये के प्रस्तावों को भी जल्द स्वीकृति प्रदान करवाने का आग्रह भी किया।
राजस्थान के पर्यावरणीय प्रकरणों की सुनवाई एन.जी.टी. की जोधपुर अथवा दिल्ली पीठ में करवायी जाये
श्री रिणवा ने बैठक के दौरान बताया कि वर्तमान में राजस्थान से सम्बन्धित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अधिकांश प्रकरणों की सुनवाई भोपाल बेंच में की जा रही है तथा कुछ प्रकरण मुख्य पीठ नई दिल्ली में सुने जा रहे है। जयपुर से भोपाल की दूरी अधिक होने एवं सीधी कनेक्टिविटी ना होने के कारण सुनवाई के लिए आने जाने में कठिनाई होती है तथा अनावश्यक वित्तीय भार भी पड़ता है। इसलिए राज्य से सम्बन्धित समस्त प्रकरणों की सुनवाई ‘नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल” की मुख्य पीठ, नई दिल्ली अथवा जोधपुर में करवाया जाना उपयुक्त होगा।
गोडावण परियोजना हेतु सहायता
श्री रिणवा ने राजस्थान में दुर्लभ पक्षी गोडावण की रिकवरी प्रोग्राम के लिए राज्य सरकार द्वारा मंत्रालय को भेजे गए 59.86 करोड़ रूपये की कार्य योजना पर जल्द स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह भी किया। इसी तरह जैसलमेर में गोडावण के प्रजनन को बढ़ावा देने के लिए मुख्य सेंटर स्थापित करने की दिशा में भी सकारात्मक सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया।
श्री रिणवा ने बैठक मेंं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में परिवेशी वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रस्तुत कार्यवाही प्रतिवेदन केंद्रीय मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया।